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गुरूवार, अप्रैल 25, 2024
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गोबर विक्रेताओं को किया गया 4.62 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान

गोबर विक्रेताओं को भुगतान

जैविक खेती को बढ़ावा देने एवं गोवंश संरक्षण, पशुपालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में गोधन न्याय योजना चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत गोबर एवं गौमूत्र की खरीदी की जाती है, जिसके बाद स्वयं सहायता समूहों के द्वारा इनसे जैविक खाद, बायो गैस एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जाते हैं। 8 दिसम्बर के दिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हितग्राहियों को योजना की 57वीं किस्त के रूप में 7.83 करोड़ रुपए का ऑनलाइन भुगतान किया।

इस राशि में 16 नवम्बर से 30 नवम्बर तक गौठानों में गोबर विक्रेता पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में उनके खाते में 4 करोड़ 62 लाख रूपए की राशि ऑन लाईन अंतरित की। इसी प्रकार गौठान समितियों को एक करोड़ 28 लाख रुपए तथा महिला समूहों के खाते में एक करोड़ 93 लाख रूपए की लाभांश राशि अंतरित की गई। 

अब गौठान खुद खरीद रहे हैं गोबर

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गौठानों द्वारा खुद की जमा पूंजी से गोबर खरीदना गोधन न्याय योजना की बड़ी सफलता है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के आधे से अधिक गौठान स्वयं के संसाधनों से गोबर की खरीदी कर रहे हैं। गोबर विक्रेताओं को अभी भुगतान की गई 4.62 करोड़ रुपए की राशि में से 4270 स्वावलंबी गौठानों द्वारा 2.88 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया तथा कृषि विभाग द्वारा 1.74 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।

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4270 गौठान हुए स्वावलंबी

कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि प्रदेश में 11 हजार 252 गौठानों को स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 9 हजार 619 गौठान निर्मित किए गए हैं, इनमें से ग्रामीण क्षेत्रो में 8440 गौठान निर्मित किए गए हैं। इन गौठानों में से 4270 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन और वितरण का काम विभिन्न विभागों के समन्वय से किया जा रहा है। आने वाले समय में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन छत्तीसगढ़ में एक बड़ा अभियान बनेगा।

अभी तक 188.45 करोड़ रुपए का किया गया भुगतान

गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली ने बताया कि गोबर खरीदी के एवज में गोधन न्याय योजना शुरू होने के बाद से अब तक 188.45 करोड़ रूपए तथा गौठान समितियों और महिला स्व सहायता समूहों को लाभांश की राशि के रूप में 170.05 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अब तक गौठानों में 19.82 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। इसमें से 16.24 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया जा चुका है

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