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शुक्रवार, अप्रैल 18, 2025
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किसानों को प्रशिक्षण के साथ ही फ्री में दिए गए बीज और कृषि उपकरण

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उन्हें खेती की नई तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए बीज एवं कृषि उपकरण भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इस कड़ी में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उपयोजना के अंतर्गत सिकराय तहसील के ग्राम गिरधारीपुरा में प्रक्षेत्र दिवस एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

यह कार्यक्रम राजस्थान सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और उन्हें नवीनतम कृषि तकनीकों से अवगत करवाना था। इस अवसर पर किसानों के बीच कृषि यंत्रों और गुणवत्तापूर्ण बीजों का वितरण भी किया गया, ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों को अधिक लाभकारी बना सकें।

कृषि यंत्र और बीज से उत्पादकता में होगी बढ़ोतरी

प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपयोजना के नोडल अधिकारी डॉ. महेश चंद मीना ने इस कार्यक्रम के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह आयोजन किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्रों और बीजों के वितरण से किसानों को बेहतर उत्पादकता हासिल करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही पूसा संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राम स्वरूप बाना ने किसानों को जल संरक्षण की तकनीकों और फसलों की आधुनिक खेती के नए तरीकों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने किसानों से इन तकनीकों को अपनाकर कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने का आह्वान किया।

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प्रशिक्षण में दी गई यह जानकारी

पूसा द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ. गोगराज सिंह जाट ने सब्जियों की खेती के महत्व और उसके वैज्ञानिक तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने किसानों को बताया कि कैसे सब्जियों की उन्नत खेती से उनकी आय में वृद्धि हो सकती है। कृषि अभियांत्रिकी वैज्ञानिक डॉ. सतीश ने किसानों को आधुनिक मशीनों के उपयोग और उनके लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मशीनों के सही उपयोग से किसानों की मेहनत और समय दोनों की बचत हो सकती है, जिससे उत्पादन भी अधिक होगा। डॉ. नित्या चंद्रन ने कीट नियंत्रण के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए किसानों को फसलों की सुरक्षा के उपाय बताए। डॉ. अनामिका ठाकुर ने अनाजों के प्रसंस्करण की तकनीकों के बारे में बताया, जिससे किसानों को अपनी उपज के बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिल सकेगी।

किसानों को दी गई सरकारी योजनाओं की जानकारी

कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के संयुक्त निदेशक उद्यान (मुख्यालय) उद्यान आयुक्तालय जयपुर डॉ. अतर सिंह ने किसानों को उद्यान विभाग द्वारा संचालित पॉली हाउस, बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति, फव्वारा संयंत्र, मिनी फव्वारा संयंत्र, फलदार बगीचा, प्याज हाउस सहित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी एवं परंपरागत खेती के स्थान पर नकदी फसल उगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसानों को नई योजनाओं और अनुदानों का पूरा लाभ उठाकर अपनी कृषि गतिविधियों को ओर भी प्रभावी बनाना चाहिए।

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