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किसानों को सहजन की खेती के साथ सोलर कोल्ड रूम, सोलर ड्रायर एवं प्राइमरी पैक हाउस पर भी दिया जायेगा अनुदान

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सहजन की खेती एवं पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट हेतु अनुदान

सहजन एक बहुपयोगी पौधा है, इसके सभी भागों का उपयोग भोजन, दवा, औषधीय आदि कार्यों में किया जाता है | सहजन में  प्रचुर मात्रा में विटामिन एवं पोषक तत्व पाए जाते हैं | सहजन का फुल, फल और पत्तियों का भोजन के रूप में व्यवहार किया जाता है तथा इसके छाल, पत्ती, बीज गोंद, जड़ आदि से आयुर्वेदिक दवा तैयार की जाती है | इतना ही नहीं सहजन कि पत्तियां मवेशियों के चारा के रूप में भी उपयोग किया जाता है | इसको ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार राज्य में सहजन का क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम कार्यान्वित किया जा रहा है | इसकी अधिक उपयोगिता को देखते हुए राज्य के किसानों को अतिरिक्त आय के रूप में देखा जा रहा है | इसके साथ ही राज्य के अलावा देश भर में पौष्टिक सब्जी के रूप में उपलब्ध करना भी है |

सोलर कोल्ड रूम, सोलर ड्रायर एवं प्राइमरी पैक हाउस  पर भी अनुदान

पोस्ट हार्वेस्ट मेनेजमेंट में सहजन की पत्ती को सुखाने के लिए ड्रायर तथा फल को सुरक्षित रखने के लिए सोलर कोल्ड रूम कि जरूरत होती है | जिससे फल को सुरक्षित बाजार तक पहुँचाया जा सके | इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार किसानों को सोलर कोल्ड रूम, सोलर ड्रायर, प्राईमरी पैक हाउस इत्यादि को भी शामिल किया है | इन सभी अवयवों कि इकाई लागत एवं इस पर सहायतानुदान बिहार उधानिकी उत्पाद विकास कार्यक्रम के तर्ज पर रखा गया है |

सहजन की खेती पर किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान

बिहार में सहजन कि खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 50 प्रतिशत तक कि सब्सिडी दे रही है | यह सब्सिडी किसानों को लागत का 50 प्रतिशत के रूप में दो वर्षों में देगी | सरकार ने सहजन कि खेतीके लिए कुल लागत  74,000 रूपये प्रति हेक्टेयर आकलित की है | जिसकी 50 प्रतिशत तक सब्सिडी जो 37,000 रूपये प्रति हेक्टेयर बनता है | पहले क़िस्त के रूप में 27,750 रूपये प्रति हेक्टेयर पहले वर्ष में दे रही है तथा दुसरे वर्ष में 9,250 रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान है | लेकिन दिव्तीय वर्ष में 90 प्रतिशत सहजन के पौधा जीवित रहने पर ही दिव्तीय क़िस्त की अनुदान राशी देय होगा |

इन जिलों में सहजन उत्पादन पर दिया जा रहा है अनुदान

बिहार सरकार बागवानी मिशन के अन्तर्गत सहजन का क्षेत्र विस्तार योजना हेतु राज्य के 17 जिलों को शामिल किया है | इसके अन्तर्गत गया, औरंगाबाद, नालंदा, पटना, रोहतास, कैमूर, भागलपुर, नवादा, भोजपुर, जमुई, बाँका, मुंगेर, लखीसराय, बक्सर, जहानाबाद, अरवल एवं शेखपुरा शामिल है | पिछले एक वर्ष से सहजन कि खेती के लिए राज्य सरकार लगातार प्रोत्साहन कर रही है | सरकार के प्रयास के कारण राज्य में 568 हेक्टेयर सहजन कि खेती का लक्ष्य प्राप्त हुआ है | राज्य सरकार ने इस वर्ष सहजन के क्षेत्र विस्तार का भौतिक लक्ष्य 780 हेक्टेयर निर्धारित किया है | इस पर किसानों को 288.60 लाख रूपये कि सहायता अनुदान दिया जायेगा |

किसान योजना का लाभ लेने के लिए करें ऑनलाइन आवेदन

राज्य में सहजन कि खेती से सभी वर्ग को जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने जिला के लक्ष्य को अलग – अलग वर्ग में बांटा है | जिलालाक्ष्य के अनुसार 16 प्रतिशत अनुसूचित जाती तथा 1 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति को प्राथमिकता दिया जायेगा | इसके साथ ही कृषक चयन में प्रत्यके वर्ग से 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा | राज्य सरकार के द्वारा चलाया जा रहा बागवानी मिशन के अंतर्गत सहजन क्षेत्र विस्तार योजना के लिए आवेदन जारी है | ऊपर दिये 17 जिलों के कोई भी इच्छुक किसान आँऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं |

अनुदान पर सहजन की खेती करने हेतु आवेदन के लिए क्लिक करें

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