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शनिवार, जनवरी 25, 2025
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किसानों को 300 करोड़ रुपये की बोनस राशि के साथ ही व्हाट्सएप पर किया गया मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण

गुरु नानक देवजी के 555वें प्रकाश पर्व पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के किसानों को तोहफा देते हुए एक क्लिक से 2 लाख 62 हजार किसानों के बैंक खातों में 300 करोड़ रुपये की बोनस राशि जारी की। किसानों को यह राशि इस वर्ष खरीफ सीजन 2024 में हुई कम बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए की गई है। बता दें कि खरीफ 2024 में प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण राज्य में उगाई जा रही कृषि और बागवानी फसलों पर 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस देने का फैसला लिया गया था।

इससे पहले मुख्यमंत्री की ओर से 16 अगस्त, 2024 को पहली किस्त की अदायगी के रूप में 496 करोड़ रुपये की बोनस राशि सीधे 5 लाख 80 हज़ार किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की गई थी। आज दूसरी किस्त के रूप में 300 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। राज्य सरकार की ओर से बारिश कम होने के कारण किसानों पर पड़े आर्थिक बोझ को कम करने के लिए 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस दिया जा रहा है।

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अभी इतनी राशि और दी जाएगी

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जिन किसानों ने अपना पंजीकरण करवाया हुआ है, उन सभी किसानों को यह बोनस राशि दी जाएगी। कुल 1380 करोड़ रुपये की राशि किसानों को दी जानी है। अभी तक दो किस्तों में भुगतान किया जा चुका है। इसी कड़ी में तीसरी किस्त के रूप में शेष 4 लाख 94 हज़ार किसानों की बोनस राशि 580 करोड़ रुपये भी अगले 10 से 15 दिनों में डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी।

व्हाट्सेप पर किया जाएगा मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर किसानों के लिए एक ओर पहल करते हुए वॉट्सऐप के माध्यम से 40 लाख सॉइल हेल्‍थ कार्ड बांटने का भी शुभारंभ किया। इससे अब किसानों के मोबाइल नंबर पर वॉट्सऐप के माध्यम से सॉइल हेल्‍थ कार्ड ( मृदा स्वास्थ्य कार्ड) भेजे जाएंगे। जैसे ही उसकी मिट्टी के नमूने के परीक्षण के परिणाम पोर्टल पर ऑनलाइन हो जाएंगे, मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों के वॉट्सऐप नंबर पर पहुंच जाएगा।

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सीएम ने कहा कि प्रदेश में हर 3 साल के बाद मिट्टी की जांच करके किसानों को अपने खेतों में बीज की मात्रा, आवश्यक उर्वरकों का उपयोग जैसी जानकारियां दी जाती हैं, जिससे किसान अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। इन कार्ड के माध्यम से किसान अपनी जरूरत के अनुसार खाद डालेंगे, साथ ही, उनकी आय में वृद्धि होगी।

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