पीएम- किसान योजना का किसानों को लाभ
केंद्र सरकार के वर्ष 2019 – 20 के अंतरिम बजट के सबसे महत्वकांक्षी योजना पीएम – किसान को लागु हुये 5 माह से अधिक हो गया है लेकिन अभी तक सभी किसानों का नाम इस योजना के लिए नहीं जोड़ा गया है | जहाँ एक ओर मार्च से मई तक चुनाव के कारण देरी हुई तो वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार के उदासीन रवैये से देरी हो रही है | जिसको लेकर किसानों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है | पीएम – किसान योजना के लाभ के लिए सभी राज्य सरकार को अपने प्रदेश के किसानों की सूचि सौपनी थी लेकिन किसी भी राज्य सरकार ने पूर्ण रूप से किसानों का नाम नहीं भेजा है |
इस योजना के नाम जोड़ने के लिए सभी राज्य अलग – अलग विधि को अपनाया है | जिसमें मध्य प्रदेश सरकार पटवारी के माध्यम से किसानों से फार्म भराकर सूचि तैयार कर रही है तो बिहार जैसे राज्य किसानों के लिए आनलाइन पोर्टल ही बना दिया है जिसे DBT से जोड़ दिया गया है | उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के पुराने डाटा से सूचि तैयार कर रही है | उत्तर प्रदेश वैसा राज्य है जहाँ अभी तक सबसे ज्यादा किसानों को इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ है |
इन दो राज्यों के किसानों की सूचि 15 जुलाई तक होगी तैयार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम – किसान) 2019 योजना के तहत लाभान्वित किये जाने वाले सभी पात्र किसानों के नाम 10 जुलाई 2019 तक फीड कर उन्हें लाभन्वित करें | इसके लिए राज्य के मुख्य सचिव को इस योजना की समीक्षा के भी निर्देश दिए हैं | उत्तर प्रेदश में कुल 2.33 करोड़ किसान परिवार हैं |
तो वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने जिले के सभी राजस्व अधिकारी से यह सुनिश्चित करने को कहाँ है की प्रदेश के सभी किसानों की नाम का सूचि 15 जुलाई 2019 तक पूरा करें | इसके लिए तहसील के सभी पटवारियों के द्वारा सभी गाँव में जाकर फार्म भरने को कहाँ गया है | जो किसान पटवारी से फार्म नहीं भरा पायें है वह अपने तहसील के हल्का पटवारी, कृषि विस्तार अधिकारी , राजस्व निरीक्षक से मिलकर फार्म को भर सकता है |
केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों से यह जुलाई के अंतिम तारीख तक किसानों की सूचि मांगी है जिससे किसानों के खातों में पहली किश्त डाली जा सके |