एग्रीबोट ड्रोन से दवा का छिड़काव
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कृषि ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसको देखते हुए कृषि विद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्र, उद्यमियों एवं किसानों को अनुदान पर कृषि ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस कड़ी में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर, राजस्थान को दो एग्रीबोट ड्रोन मिले है जिसमें एक ड्रोन प्रसार शिक्षा निदेशालय उदयपुर एवं दूसरा कृषि विज्ञान केन्द्र भीलवाड़ा को मिला है।
विद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ.आर.ए. कौशिक ने बताया कि ड्रोन के माध्यम से सभी तरह की फसलें, सब्जियाँ एवं मातृवृक्ष बगीचों में दवा का छिड़काव किया जा सकता है एवं किसानों के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अनुकूल है। किसानों के खेत पर ड्रोन द्वारा तरल उर्वरक, खरपतवार नाशी, रोग एवं कीटनाशक दवाईयों के छिड़काव से पानी, समय एवं श्रम की बचत होगी।
क्या है एग्रीबोट ड्रोन की विशेषताएँ
केन्द्र पर स्थापित एग्रीबोट ड्रोन की विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हुए इंजीनियर शिवम रावत ने बताया कि ड्रोन का वजन 14.9 किलोग्राम है तथा 10 लीटर भराव क्षमता का टैंक है। इस प्रकार ड्रोन का कुल वजन 24.9 किलोग्राम होता है। एग्रीबोट ड्रोन को चालू करने के लिए सबसे पहले हार्डवेयर सेफ्टी स्विच को दबाकर जीसीएस में आर्म को चालू किया जा सकता है। ड्रोन से एक एकड़ खेत में दवा का छिड़काव करने में मात्र 6 से 7 मिनिट का समय लगता है।
ड्रोन में आगे पीछे एवं नीचे तीन सेंसर लगे हुए है जिससे ड्रोन पेड़ एवं तार से नही टकराता है। ड्रोन में चार नोजल लगे होते है जो स्प्रै करते है। नोजल पानी की एक बूंद को 220 माइक्रोन में विभाजित करती है। ड्रोन में छः प्रोपेलर (पंखुड़िया) तीन क्लॉक वाइज एवं तीन एन्टी क्लॉक वाइज लगे होते है। ड्रोन में तीन फिल्टर लगे होने से कचरा नही आता है। इसमें एक कैमरा लगा हुआ है जो दूरी पर होने पर भी खेत को दिखा सकता है। ड्रोन के गियर एल्यूमिनियम के बने हुए है जो इसको सुरक्षित जमीन पर लाने में सहायक है। ड्रोन चार किलोमीटर की दूरी तक एवं 80 मीटर ऊँचाई से दवा का छिड़काव कर सकता है।
मेपिंग प्रणाली द्वारा खेत पर ड्रोन से सभी स्थानों पर दवा का छिड़काव किया जा सकता है। एग्रीबोट ड्रोन में एक सेट बैटरी का होता है जिसमें दो बैटरी लगी होती है तथा इस सेट से 2 एकड़ में दवा का छिड़काव किया जा सकता है। एक बैटरी को चार्ज करने में 40 से 45 मिनिट का समय लगता है। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता (निक्रा) प्रकाश कुमावत ने बताया कि एग्रीबोट ड्रॉन से दवा का छिड़काव करने से किसानों को प्रति हैक्टर लागत कम आयेगी।