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किसानों को डीएपी उपलब्ध कराने के लिए कृषि मंत्री ने की केंद्रीय उर्वरक सचिव से मुलाकात

नवम्बर महीने में रबी फसलों की बुआई के चलते डीएपी एवं अन्य खाद उर्वरकों की मांग बढ़ गई है। ऐसे में सभी किसानों को आसानी से सभी उर्वरक मिल सके इसके लिए उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा सोमवार को नई दिल्ली में उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय में उर्वरक सचिव रजत कुमार मिश्रा से मुलाकात कर प्रदेश को भारत सरकार द्वारा उर्वरक की आपूर्ति एवं उपलब्धता तथा रैक के मूवमेंट के बारे में जानकारी प्राप्त की गई।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि रबी फसलों की बुआई के चलते वर्तमान में किसानों के मध्य फास्फेटिक उर्वरकों की मांग में एकाएक वृद्धि हुई है। प्रदेश के पश्चिमी जनपदों में गेहूं की बुआई भी तेज़ी से हो रही है। साथ ही कृषकों के द्वारा दलहनी एवं तिलहनी फसलों की बुआई भी लगभग पूरी कर ली गई है। आलू एवं गन्ना फसलों की बुआई का कार्य भी शीघ्र ही पूरी होने वाली है। रबी सीजन की मुख्य फ़सल गेहूं की बुआई भी पूरे प्रदेश में प्रारंभ हो गई है, वर्तमान में लगभग 16000 मीट्रिक टन डीएपी एवं 11000 मेट्रिक टन एनपीके का क्रय किसानों द्वारा किया जा रहा है।

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जिसको देखते हुए कृषि मंत्री ने पूरे प्रदेश में एक साथ गेहूं की बुआई के लिए कम से कम 12 रैक फास्फेटिक उर्वरकों की प्रतिदिन आपूर्ति माह नवम्बर 2024 के शेष दिनों में करने को कहा है। इसके साथ ही प्रदेश के पश्चिमी जनपदों में बुंदेलखंड के जनपदों में जहां अगेती बुआई का कार्य चल रहा है उन जनपदों को प्राथमिकता पर रैक भेजने हेतु कहा गया है।

किसानों को की जाएगी डीएपी की आपूर्ति

बैठक के दौरान पिछले वर्ष माह अक्टूबर एवं नवम्बर में खपत को दृष्टिगत रखते हुए इस वर्ष भी उतनी मात्रा में डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात पर चर्चा हुई, किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार डीएपी उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित कराये जाने के सम्बन्ध में सार्थक वार्ता हुई। सचिव, उर्वरक, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा माननीय कृषि मंत्री जी को आश्वासन दिया गया कि प्रदेश को फास्फेटिक उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाएगी तथा प्रदेश हेतु डिस्पैच की जाने वाली फास्फेटिक उर्वरक रैक भी पश्चिमी पोर्ट से अधिक से अधिक प्रदेश को प्रेषित किया जाएगा।

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इस अवसर पर कृषकों की उर्वरक क्रय करने दृष्टिगत सहकारिता क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाती है, परन्तु कृषकों के द्वारा प्राथमिकता के आधार पर एक साथ सहकारिता क्षेत्र से उर्वरक क्रय करने हेतु पहुँचने से उर्वरकों की कमी होने के बारे में भी जानकारी दी गई तथा सहकारिता का एलोकेशन बढ़ाने तथा पूर्वी पोर्ट से उर्वरक आपूर्ति में पूर्वांचल के प्रयागराज एवं अयोध्या मण्डल के जनपदों को भी सम्मिलित करने के बारे में कहा गया।

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