डीएपी खाद की कमी होने पर वैकल्पिक उर्वरकों का करें प्रयोग
वर्तमान में देश के लगभग सभी राज्यों में रबी फसलों की बिजाई ज़ोरों पर चल रही है, जिसके चलते यूरिया, डीएपी एवं अन्य रासायनिक उर्वरकों की माँग में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। ऐसे में कई स्थानों पर किसानों को डीएपी खाद नहीं मिल पा रही है जिसको देखते हुए हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल द्वारा किसानों के नाम संदेश जारी किया गया है। जारी संदेश में कहा गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को गेंहू की बिजाई के लिए पर्याप्त डीएपी खाद उपलब्ध करवाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं ।
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने अपने संदेश में कहा कि किसान गेंहू की बिजाई में डीएपी खाद के स्थान पर एसएसपी व एनपीके का प्रयोग भी कर सकते हैं । प्रदेश में वर्तमान में 23 हजार मीट्रिक टन डीएपी, 52 हजार मीट्रिक टन एसएसपी एवं 7 हजार मीट्रिक टन एनपीके स्टॉक के रूप में उपलब्ध है।
डीएपी के स्थान पर करें अन्य उर्वरकों का प्रयोग
कृषि मंत्री जेपी दलाल द्वारा जारी संदेश में कहा गया है कि डीएपी खाद के स्थान पर गेंहू की बिजाई में दूसरे उर्वरक भी प्रयोग किये जा सकते हैं । हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय की सिफारिश के अनुसार एक बैग डीएपी या 3 बैग एसएसपी या डेढ़ बैग एनपीके (12:32:16) का प्रयोग करके फास्फोरस की आपूर्ति पूर्ण कर सकते हैं।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले वर्ष सितंबर से नवम्बर माह तक प्रदेश में 2 लाख 78 हजार मीट्रिक टन डीएपी बिक्री हुई थी, जबकि इस वर्ष सितंबर से नवम्बर माह (21 नवम्बर तक) प्रदेश में 3 लाख 6 हजार मीट्रिक टन डीएपी की बिक्री हो चुकी है। केंद्र सरकार द्वारा राज्य में प्रतिदिन 2 से 3 हजार मीट्रिक टन डीएपी/एनपीके उपलब्ध करवाया जा रहा है तथा खाद की बिक्री प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन से की जानी सुनिश्चित की है। किसान संयम रखते हुए शांति पूर्वक खाद की खरीद करें ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैले।