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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्लेम में आ रही किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कृषि मंत्री ने दिए निर्देश

कृषि मंत्री किरोड़ी लाल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा बैठक में बीमा क्लेम में आ रही समस्याओं, क्लेम सेटलमेंट और पोस्ट हार्वेस्टिंग से संबंधित प्रकरणों का समाधान कर किसानों को जल्द से जल्द बीमा क्लेम उपलब्ध करने के निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और इसके क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025 के दिन पंत कृषि भवन के सभा कक्ष में राजस्थान के कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्य के बीमित किसानों को अब तक 6 हजार 206 करोड़ रुपये का क्लेम वितरित किया जा चुका है।

कृषि मंत्री ने बीमा कंपनी के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बीमा क्लेम में आ रही समस्याएं, क्लेम सेटलमेंट और पोस्ट हार्वेस्टिंग से संबंधित प्रकरणों का समाधान कर किसानों को जल्द से जल्द बीमा क्लेम उपलब्ध कराया जाये। पारदर्शी फसल कटाई प्रयोग प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए शत-प्रतिशत फसल कटाई प्रयोग ऑनलाइन संपादित किये जायें।

ऑनलाइन किए जाएं फसल कटाई के प्रयोग

समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन फसल कटाई प्रयोगों में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। फसल कटाई प्रयोगों का आयोजन कार्यक्रम के अनुसार ही संपादित किया जाये। उन्होंने राजस्व विभाग और कृषि विभाग के जिलों में पद पर स्थापित अधिकारियों का दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम रखकर फसल बीमा योजना संबंधित जानकारियों का प्रशिक्षण देने के लिए कहा। जिससे अधिकारी फील्ड में रहकर बीमा क्लेम में आ रही समस्याओं का समाधान कर सकें।

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शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी राजन विशाल ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य अवांछित प्राकृतिक घटनाक्रम के कारण फसल हानि होने पर किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना, कृषकों की आय को सुदृढ़ करना है। जिससे वे कृषि कार्य सुचारू रूप से कर सकें और किसानों को नवीन व आधुनिक कृषि कार्यों के लिए प्रोत्साहन मिले। उन्होंने बताया कि फसल बीमा के लिए किसानों द्वारा खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत और बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम देय है। शेष प्रीमियम अनुदान के रूप में राज्य व केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

यूरिया और डीएपी खाद पर्याप्त मात्रा में है उपलब्ध

बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में डीएपी व यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। राज्य सरकार किसानों को गुणवत्ता पूर्ण उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए सदैव प्रयासरत है। राज्य सरकार भारत सरकार से समन्वय बनाकर अधिकाधिक डीएपी व यूरिया की आपूर्ती के लिए प्रयासरत है। उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी एवं नकली उर्वरकों पर अंकुश लगाने के लिए कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर विशेष गुण नियंत्रण अभियान चलाये जाते हैं। उन्होंने जिले में पद-स्थापित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जमाखोरी व कालाबाजारी का पूर्ण ध्यान रखें और बॉर्डर एरिया के जिलों में चेक पोस्ट स्थापित कर यूरिया व डीएपी के डाइवर्जन को रोकें।

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