किसानों को रबी सीजन के दौरान समय पर यूरिया, डीएपी सहित अन्य खाद मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही तथा सहकारिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जीपीएस राठौर ने दोनों विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ साझा बैठक कर विभागों के आपसी सहयोग से प्रदेश भर में किसानों को समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने की रणनीति पर चर्चा की। सचिवालय सभाकक्ष में बैठक के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि रबी सीजन के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद तथा बीज उपलब्ध है।
कृषि तथा सहकारिता विभाग के अधिकारी पारस्परिक समन्वय से रणनीति बनाकर किसानों को समय पर सही मात्रा में खाद-बीज उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा किसान हमेशा ही सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कृषि तथा सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन जनपदों में खाद का भंडार अधिक है आगामी दी दिनों के भीतर वहाँ से निकटतम जनपदों को आपूर्ति की जाए।
अभी उपलब्ध है इतना खाद
कृषि मंत्री ने बैठक में बताया कि रबी सीजन 2025-26 के लिए 28 अक्टूबर तक प्रदेश भर में 25.40 लाख मीट्रिक टन खाद भंडार में उपलब्ध है। जबकि 7.76 लाख मीट्रिक टन खाद की खरीद किसानों द्वारा की जा चुकी है। लखीमपुर खीरी में 24207 मीट्रिक टन यूरिया, 5179 मीट्रिक टन डीएपी तथा 6939 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। महोबा में 6095 मीट्रिक टन यूरिया, 2319 मीट्रिक टन डीएपी तथा 1052 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। फतेहपुर में 19676 मीट्रिक टन यूरिया, 6552 मीट्रिक टन डीएपी तथा 9172 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। बदायूँ में 30169 मीट्रिक टन यूरिया, 8734 मीट्रिक टन डीएपी तथा 8517 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। अमेठी में 10809 मीट्रिक टन यूरिया, 5088 मीट्रिक टन डीएपी तथा 4045 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है।
सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक जनपद के भंडार गृहों तथा विक्रय केंद्रों में संतुलित मात्रा में खाद की उपलब्धता के लिए समयबद्ध रणनीति तैयार कर ली जाए और उसके अनुसार त्वरित कार्यवाही की जाए।
बैठक के बाद कृषि मंत्री ने मंडल एवं जनपद स्तर के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विक्रय केंद्रों पर सही समय पर पर्याप्त मात्रा में बीज तथा खाद उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इस कार्य में लापरवाही की शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ तुरंत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने लंबे समय से विभागीय कार्यों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने तथा असंतोषजनक कार्यशैली के कारण देवीपाटन मंडल के संयुक्त कृषि निदेशक लोकेंद्र सिंह का वेतन रोके जाने के निर्देश भी दिए।


