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मंगलवार, फ़रवरी 18, 2025
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सभी किसानों को डीएपी एवं अन्य खाद उपलब्ध कराने के लिए कृषि मंत्री ने दिए निर्देश

अभी रबी सीजन की फसलों की बुआई का काम जोरों पर चल रहा है, जिसके चलते डीएपी, एनपीके सहित अन्य खाद-उर्वरकों की मांग में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। जिसको देखते हुए उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में डीएपी उर्वरक के संबंध में संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक), उत्तर प्रदेश एवं उर्वरक विनिर्मता/ प्रदायकर्ता संस्था के प्रतिनिधियों के साथ गहन समीक्षा की गई। बैठक में सबसे पहले नवम्बर 2024 हेतु भारत सरकार द्वारा आवंटन के सापेक्ष कंपनीवार डीएपी उर्वरक के आपूर्ति के संबंध में जानकारी माँगी गई।

जिसमें बताया गया कि आवंटन के सापेक्ष प्रोराटा प्लान के अनुसार मै. एन.एफ.एल. द्वारा 117 प्रतिशत, मै. आर.सी.एफ. द्वारा 58 प्रतिशत, मै. इफ़को द्वारा 90 प्रतिशत, मै. कृभको द्वारा 13 प्रतिशत, मै. कोरोमंडल द्वारा 67 प्रतिशत, मै. हिण्डाल्को द्वारा 124 प्रतिशत, मै. चंबल द्वारा 36 प्रतिशत, मै. पी.पी.एल. द्वारा 63 प्रतिशत, मै. आई.पी.एल. द्वारा 64 प्रतिशत एवं मै. एच.यू.आर.एल. द्वारा 91 प्रतिशत की आपूर्ति की गई है।

2 से 3 दिनों में आएगी इतनी डीएपी खाद

बैठक में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा 127 फास्फेटिक उर्वरकों की रैक डिस्पैच की गई है, जिसमें से 86 रैक पहुँच चुकी है तथा शेष 41 फास्फेटिक रैक रास्ते में हैं, जिनके आगामी 02 से 03 दिन के भीतर अपने गंतव्य तक पहुँचने की संभावना है।

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कृषि मंत्री द्वारा उक्त उर्वरक आपूर्ति को सुचारू रूप से आवण्टन के सापेक्ष शत-प्रतिशत आपूर्ति करने हेतु बैठक में उपस्थित संस्था प्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि उर्वरक कंपनियों द्वारा उर्वरक की आपूर्ति ठीक उर्वरक विक्रेताओं को किए जाने तथा ठीक उर्वरक विक्रेताओं द्वारा फुटकर विक्रेताओं को उर्वरक पहुँचाने की प्रक्रिया में किसी प्रकार का विलंब ना किया जाए।

कालाबाजारी और अधिक दामों पर खाद बेचने वालों के खिलाफ की जाये कार्यवाही

इसके साथ ही कृषि मंत्री ने उर्वरक कंपनियों के द्वारा थोक उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक के साथ कोई अन्य उत्पाद को टैगिंग नहीं करने के निर्देश दिये। थोक उर्वरक विक्रेताओं द्वारा फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक समय से पहुँचाया जाये इसमें होल्डिंग ना करें। प्रदेश के समस्त उर्वरक बिक्री केंद्रों पर उर्वरक का विक्रय बोरी में अंकित अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक दर पर ना किया जाए। यदि कोई उर्वरक की कालाबाजारी, अधिक मूल्य पर बिक्री, उर्वरकों की होल्डिंग तथा टैगिंग करता है तो उसके विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र को भी निरस्त करने के निर्देश कृषि मंत्री ने दिए।

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किसानों को जोत के अनुसार उपलब्ध कराया जाये उर्वरक

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को फसल बुआई में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश के किसानों को उनकी जोत/ आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार का दायित्व है। 13 नवम्बर 2024 को संपन्न हुई समीक्षा बैठक में किसानों द्वारा प्रायः उर्वरकों का क्रय करने हेतु साधन सहकारी / सहकारिता क्षेत्र को प्राथमिकता देने के दृष्टिगत निजी क्षेत्र के उर्वरक कंपनियों की जनपद में लगने वाली उर्वरक रैक में 30 प्रतिशत उर्वरक सहकारिता क्षेत्र को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। परंतु वर्तमान में किसानों के द्वारा की जा रही दैनिक औसत खपत के दृष्टिगत उक्त 30 प्रतिशत को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किए जाने का निर्णय लिया गया है।

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