back to top
28.6 C
Bhopal
सोमवार, दिसम्बर 2, 2024
होमकिसान समाचारकृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी, कहा किसान नकली डीएपी से...

कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी, कहा किसान नकली डीएपी से रहें सावधान

रबी फसलों की बुआई का समय नजदीक आ रहा है, जिसके चलते यूरिया और डीएपी जैसे उर्वरकों की मांग बहुत अधिक बढ़ गई है। ऐसे में कई स्थानों पर किसानों को डीएपी खाद मिलने में समस्या हो रही है। वहीं राजस्थान के चूरु जिले के कृषि विभाग द्वारा सरसों, चना और तारामीरा के बुआई का समय देखते हुए किसानों को नकली डीएपी से सावधान रहने के संबंध में एडवायजरी जारी की है।

कृषि विभाग चूरु के संयुक्त निदेशक ने बताया कि वर्तमान में तापमान बुवाई के लिए उपयुक्त नहीं है। कुछ दिनों में औसत तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस तक आ जायेगा। वह तापमान व समय सरसों व चना की बुवाई के लिए सर्वाधिक उपयुक्त रहता है। बुवाई के समय किसान डीएपी खाद का बुवाई से पहले उपयोग करते हैं। क्रय-विक्रय सहकारी समितियों, ग्राम सेवा सहकारी समितियों द्वारा गुणवत्ता युक्त उर्वरकों की उपलब्धता करवाई जा रही है।

किसान सरसों, चना और तारामीरा की फसल में डालें यह खाद

संयुक्त निदेशक ने बताया कि सरसों, चना व तारामीरा की फसलों में डीएपी के बजाय सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक का उपयोग अधिक फायदेमंद और किफायती रहता है। इसलिए किसानों को सलाह दी जा रही है कि 50 किलोग्राम के एक बैग डीएपी के बजाय तीन बैग सिंगल सुपर फास्फेट एवं आधा बैग यूरिया को मिलाकर बुवाई से पहले उपयोग करें। इससे फसलों को फॉस्फोरस व नत्रजन के साथ ही सल्फर की आवश्यक मात्रा की आपूर्ति हो जाएगी।

यह भी पढ़ें:  गेहूं की नई उन्नत किस्म करण वैष्णवी DBW 303 की खेती की जानकारी

किसान डीएपी-यूरिया खाद उर्वरक खरीदते समय रहें सावधान

कृषि विभाग ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि उर्वरकों का विक्रय-क्रय विक्रय सहकारी समितियों, ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं अधिकृत निजी विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा है। बिना लाईसेन्स उर्वरकों का विक्रय उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत दण्डनीय अपराध है। किसानों को उर्वरक क्रय करते समय सावधान रहने की आवश्यकता है। कोई भी व्यक्ति आपके गांव में आकर अनाधिकृत रूप से उर्वरकों का विक्रय करता है तो उसके नकली उर्वरक होने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। ऐसे व्यक्तियों से सावधान रहें और ऐसी स्थिति सामने आने पर इसकी जानकारी तत्काल अपने कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी और संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार), जिला परिषद को दें।

संयुक्त निदेशक ने बताया कि डीएपी के प्रति किसानों के अत्यधिक लगाव का फायदा घटिया उर्वरक विक्रय करने वाले उठाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने सभी किसानों से अनुरोध किया है कि रबी फसलों में प्रथम तो डीएपी के बजाय सिंगल सुपर फास्फेट + यूरिया अथवा एनपीके उर्वरकों का उपयोग करे जो कि सस्ते और अधिक लाभकारी होने के साथ आसानी से उपलब्ध हैं। कुछ लोग किसानों को नकली डीएपी बेचने के लिए आकर्षक बैग का उपयोग करते हैं।

यह भी पढ़ें:  किसानों को नर्सरी लगाने के लिए मिलेगा 50 प्रतिशत अनुदान, ऐसे करें आवेदन
download app button
google news follow
whatsapp channel follow

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News