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शनिवार, जनवरी 25, 2025
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रबी सीजन की तैयारी में जुटा कृषि विभाग, किसानों को दी यह सलाह

इस बार मानसून सीजन में हुई अच्छी बारिश के चलते बांधों, जलाशयों, फॉर्म पौण्ड में पानी की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए आने वाले रबी सीजन में फसलों का क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना है। जिसको देखते हुए संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) दौसा डॉ. प्रदीप कुमार अग्रवाल ने बताया की फसलों की बुवाई के समय किसानों द्वारा फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में डीएपी के उपयोग का प्रचलन अधिक है। किसानों द्वारा फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में केवल डीएपी पर अधिक निर्भर होने के कारण मांग के अनुरूप डीएपी उपलब्ध कराने में कठिनाई आती है और भूमि में संतुलित पोषक तत्वों की भी आपूर्ति नहीं होती है।

किसानों को यह खाद-उर्वरक उपयोग करने की दी सलाह

इस कड़ी में कृषि अधिकारी दौसा अशोक कुमार मीणा ने महवा स्थित खाद-बीज के विक्रय परिसरों एवं गोदाम का निरीक्षण कर विक्रेताओं को किसानों को उचित दर पर गुणवत्तापूर्ण कृषि आदान उपलब्ध करवाने के आवश्यक निर्देश प्रदान किए। मीणा ने किसानों को डीएपी उर्वरक के स्थान पर एसएसपी एवं यूरिया उर्वरक उपयोग करने की सलाह दी।

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उन्होंने कहा कि किसान बुवाई के समय डीएपी के विकल्प के रूप में 1 बैग डीएपी के स्थान पर 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) एवं 1 बैग यूरिया का उपयोग करें। सिंगल सुपर फास्फेट में उपलब्ध फास्फोरस तत्व के अलावा अन्य आवश्यक पोषक तत्व जैसे सल्फर, जिंक सल्फेट, बोरोन आदि पोषक तत्व भी उपलब्ध होते हैं। 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट एवं 1 बैग यूरिया में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत डीएपी में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत से कम होती है।

वहीं भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाए जाने हेतु कार्बनिक खादों जैसे गोबर खाद, कम्पोस्ट खाद, वर्मी कम्पोस्ट, खली, प्रोम, फोम, एलफॉम, ऑर्गेनिक मैंन्योर इत्यादि का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। उर्वरकों की लागत को कम करने एवं भूमि की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन बढ़ाने में सहायक न्यू एज तरल उर्वरक नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का उपयोग करना चाहिए। किसान खेतों से मिट्टी नमूने की जांच के आधार पर बनाए गए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार भूमि में उर्वरकों का उपयोग करें।

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