कृषि बजट 2022-23
केंद्र सरकार के वित्त वर्ष 2022-23 बजट के बाद अब राज्य सरकारें भी अपना बजट पेश करने का काम शुरू करेंगी। इस कड़ी में राजस्थान राज्य सरकार भी वित्त वर्ष बजट 2022-23 के लिए अपना बजट 23 फरवरी के दिन प्रातः 11 बजे से विधानसभा में पेश करेगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर वित्तीय वर्ष 2022-23 के राज्य बजट को अन्तिम रूप दिया है वह कल प्रातः 11 बजे विधान सभा में राज्य के लिए बजट पेश करेंगे। खास बात यह है कि इस वर्ष राज्य सरकार किसानों के लिए अलग से कृषि बजट पेश करने जा रही है। यह पहला मौक़ा है जब राज्य सरकार कृषि के लिए अलग से अपना बजट पेश करेगी।
इस बजट को लेकर राज्य के किसानों को काफी उम्मीदें हैं। ख़ासकर ऐसे किसान जिन्होंने केंद्रीय बैंको से ऋण लेकर रखा हुआ है। ऐसे किसान सरकार से राष्ट्रीय बैंको से कर्जमाफी की माँग कर रहे हैं । इसके अलावा राज्य को सरसों राज्य घोषित करने की माँग की जा रही है। इसके अलावा राज्य में सिंचाई साधनों, एवं कृषि के लिए फसली ऋण के लक्ष्य को भी बढ़ाया जा सकता है।
किसानों से चर्चा के बाद बनाया गया है बजट
इस वर्ष राज्य सरकार ने किसानों से न सिर्फ बजट पूर्व चर्चा की थी बल्कि पत्र एवं ई-मेल के माध्यम से भी लोगों से सुझाव मांगे थे। इसमें कृषि, पशुपालन, सहकारिता आदि विभागों से संबंधित पक्षों व प्रगतिशील किसानों के साथ चर्चा की गई थी कि उन्हें बजट में क्या चाहिए? बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर एवं भरतपुर आदि में संवाद कार्यक्रम हुए थे। देखना ये है कि राजस्थान के 77 लाख किसान परिवारों के लिए बजट में क्या खास होता है।
किसानों को मिल सकती है कर्ज माफी की सौग़ात
राजस्थान सरकार से किसानों की पहली उम्मीद कृषि लोन माफ़ी की है। केन्द्रीय बैंकों के कर्जे माफ करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भिजवाने और कॉमर्शियल बैंकों के कर्जे प्रदेश सरकार की ओर से माफ करने की घोषणा की जा सकती है। पिछले कुछ महीनों में राज्य के किसानों की बहुत से जमीन कर्ज के कारण नीलाम हुई है, ऐसी स्थिति में किसानों की कर्ज माफी को लेकर उम्मीद बनी हुई है।
राज्य को सरसों राज्य की घोषित करने की मांग है ?
देश में रेपसीड एवं सरसों का कुल उत्पादन 11.46 मिलियन टन है | इसमें राजस्थान 4.0 लाख टन उत्पादन के साथ पहले स्थान पर है | जो देश के कुल उत्पादन में 43.69 प्रतिशत की योगदान देता है | ऐसे में राज्य के किसानों के लिए बजट में राज्य में तेल–तिलहन और दलहन पर स्टॉक लिमिट को हटाया जा सकता है | इसके साथ ही सरसों पर लगने वाले 5 प्रतिशत की जीएसटी को भी हटाया जा सकता है |
किसानों के लिए अलग से बनाई जा सकती है बिजली कम्पनी
किसानों को बिजली बिलों में राहत प्रदान करने के लिए राज्य में किसान ऊर्जा मित्र योजना चलाई जा रही है जिसके तहत किसानों को बिजली बिल पर प्रति माह 1000 रुपए या अधिकतम 12 हजार रुपए सालाना अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। पिछले बजट में राज्य सरकार किसानों के लिए अलग से बिजली कम्पनी बनाने की घोषणा कर चुकी है। इस बजट में नई कृषि बिजली कम्पनी के गठन की समय सीमा की घोषण के आसार हैं। इसका नाम एग्रीकॉम करने का प्रस्ताव है।
दलहन तथा तिलहन मीलों को प्रोत्साहन दिया जा सकता है
राजस्थान के 77 लाख किसानों के लिए कृषि बजट अहम है। राज्य में 247 कृषि उपज मंडियों और करीब 2,000 तेल–दाल मीलों से पांच लाख से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिला हुआ है | प्रोत्साहन के अभाव से 1800 तेल मीलों में से 1200 बंद हो चुके है | ऐसी उम्मीद है की किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए दलहन तथा तिलहन के मीलों को प्रोत्साहन दिया जा सकता है |
कुसुम योजना का विस्तार
केंद्र सरकार के द्वारा उर्जा के क्षेत्र में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुसुम योजना चला रही है | इस योजना में राजस्थान सोलर ऊर्जा में तेजी से आगे बढ़ा है, ऐसे में राजस्थान सरकार इस बार के कृषि बजट में कुसुम योजना को बढ़ावा दे सकती है |