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कृषि बजट 2022-23: सरकार ने पेश किया बजट, जानिए किसानों को क्या-क्या मिला

हरियाणा कृषि बजट 2022-23

केंद्र सरकार के बजट के बाद अब वित्त वर्ष 2022–23 के लिए अलग–अलग राज्य सरकारों के द्वारा भी बजट पेश किया जा रहा है। आज मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल अपने दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया। सीएम ने वर्ष 2022-23 के लिए एक लाख 77 हजार 255.99 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है जो पिछले वर्ष से 15.6 प्रतिशत अधिक है। हरियाणा सरकार इस वर्ष कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों पर 5988.76 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 27.7 प्रतिशत अधिक है| इसके अलावा सहकारिता विभाग पर 1537.35 करोड़ रुपए खर्च करेगी जो पिछले वर्ष के मुकाबले 20.6 प्रतिशत अधिक है |

हरियाणा सरकार ने इस वर्ष के बजट में जहां कई पुरानी योजनाओं को आगे भी जारी रखने का फैसला लिया है वहीं किसानों के लिए कुछ नई योजनाओं का ऐलान भी किया है। इसमें ग्रीष्मकालीन (जायद) मक्का की समर्थन मूल्य पर ख़रीदी, जैविक खेती को बढ़ावा देना, फसल समूह विकास कार्यक्रम, फसल विविधिकरण एवं कृषि बैंकों की स्थापना शामिल है। किसान समाधान अपने पाठकों के लिए इस बजट में राज्य के किसानों के लिए  क्या-क्या है इसकी जानकारी लेकर आया है। 

ग्रीष्मकालीन मक्का की ख़रीदी भी होगी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर

मुख्यमंत्री ने बजट पेश करते हुए बताया कि राज्य में 14 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। यह खरीदी “मेरी फसल-मेरा ब्योरा” के तहत पंजीकृत किसानों से की जाती है, पोर्टल से अभी लगभग 9 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। इस वर्ष राज्य सरकार खरीफ एवं जायद (गर्मी) में किसानों के द्वारा उपजाई गई मक्का की फसल को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीदेगी।

16 लाख किसानों को जोड़ा जायेगा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए राज्य सरकार अपने हिस्से का प्रीमियम राशि देती है | हरियाणा सरकार वर्ष 2022–23 के लिए योजना के तहत 605.75 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है | इस योजना के तहत इस वित्त वर्ष में 16 लाख किसानों को योजना के तहत जोड़ने का लक्ष्य रखा है |

जैविक खेती के लिए बनाए जाएँगे 100 क्लस्टर

राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने नया कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा अपने बजट में की है। कार्यक्रम के तहत प्राक्रतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए तीन साल का उत्पादन आधारित प्रोत्साहन कार्यक्रम 100 क्लस्टर्स में प्रति क्लस्टर की कम से कम 25 एकड़ भूमि पर शुरू किया जाएगा | इस कार्यक्रम के तहत प्रमाणन, ब्रांडिंग और पैकेजिंग और पहले तीन वर्षों में उत्पादन की हानि पर मुआवजे के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा |

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बाजरे की खेती के लिए किसानों को दी जाएगी सहायता

संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज का वर्ष घोषित किया है, हरियाणा बाजरे की खेती के लिए जाना जाता है | हरियाणा सरकार वर्ष 2018 से राज्य के किसानों से बाजरे की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करती है | पिछले वर्ष राज्य सरकार बाजरा किसानों को 600 रूपये प्रति क्विंटल की दर से सहायता प्रदान की गई है | प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण के माध्यम से किसानों को 482 करोड़ रूपये की आदायगी की गई | अब सरकार बाजरे की ब्रांडिग के लिए 50 करोड़ रूपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी | साथ ही बाजरा एवं अन्य मोटे अनाजों में अनुसंधान के लिए भिवानी में एक क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जा रहा है।

बागवानी उत्पादन को किया जायेगा तिगुना

राज्य के “हॉर्टिकल्चर विज़न” के अनुसार वर्ष 2030 तक बागवानी क्षेत्र को दोगुना ओर उत्पादन को तीन गुना करने की योजना है। अनूठे “फसल समूह विकास कार्यक्रम” के तहत ताज़ा फल और सब्ज़ियों के लिए आपूर्ति शृंखला स्थापित करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा। सरकार वर्ष  2022-23 में योजना के तहत 100 पैक हाउस की स्थापना के लिए सहायता प्रदान करेगी।

कृषि मशीन बैंकों की जाएगी स्थापना

धान उत्पादक क्षेत्रों और अन्य अनाज फसलों को विशेष रूप से लक्षित करते हुए बागों, सब्ज़ियों और मसालों में फसल विविधिकरण के लिए नई योजना शुरू की जाएगी। वर्ष 2022-23 में कुल 20,000 एकड़ क्षेत्र को इस नए कार्यक्रम के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में बागवानी मशीनरी को बढ़ावा देने और किसानों को किराए पर मशीनें उपलब्ध करवाने हेतु 5 मशीन बैंक केंद्रों की स्थापना के लिए एक नया कार्यक्रम प्रस्तावित है।

बागवानी फसलों का किया जाएगा बीमा

हरियाणा सरकार ने राज्य में बागवानी फसलों के बीमा के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना चला रही है | इस योजना के तहत 10 करोड़ रुपए जारी किया किए गए हैं | जिसे वित्त वर्ष 2022–23 में 12 लाख एकड़ भूमि में बागवानी का बीमा किया जाएगा |

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स्थापित की जाएँगी गुड़ इकाइयाँ

हैफेड द्वारा रामपुरा (रेवाड़ी) में 150 टन प्रतिदिन क्षमता का एक नया तेल मिल, रोहतक में एक मेगा फ़ूड प्रोजैक्ट, यमुनानगर के रादौर में एक हल्दी पाउडर प्लांट, टर्मरिक आँयल एक्सट्रेक्शन प्लांट और 500 मीट्रिक टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज और जाटूसना (रेवाड़ी) में आटा मिल की स्थापना की जा रही है | गुड के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए हैफेड राज्य में गुड इकाइयां स्थापित करने में सहायता करेगी |  

पशुपालन के लिए दी जाएगी वित्तीय सहायता

पशुपालन में रोजगार सृजन करने के लिए वर्ष 2022–23 में 1 लाख अन्त्योदय परिवारों को डेयरी की पशुधन इकाईयों, भेड़ों, बकरी, सुअर पालन और बैकयार्ड पोल्ट्री की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी |“मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना” के तहत अंत्योदय परिवारों को डेयरी या भेड़ इकाई स्थापित करने के लिए सम्बंधित ग्राम पंचायत की भूमि पर एक साझा शेड प्रदान किया जायेगा यदि उनके पास स्थान नहीं है तो।

पशुओं में नस्ल सुधार के लिए दिया जायेगा अनुदान

एम्ब्रयो ट्रांसफर टेक्नालोजी (ई.टी.टी.) घटक को शामिल करने का प्रस्ताव करता हूँ, जिसमें पशुपालन किसानों को देसी नस्ल के दुधारू पशुओं में ई.टी.टी. अनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और ई.टी.टी. से पैदा होने वाले बछड़ों के लिए 10,000 रूपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा | 

मछली पालकों को दिए जाएँगे किसान क्रेडिट कार्ड

राज्य में मछली पालन के लिए नए तालाबों के निर्माण ओर री-सरकुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम तथा बायोफ़्लाक सिस्टम की स्थापना करके मीठे पानी व खारे पानी में मछली और झींगा उत्पादन को बढ़ाया जायेगा। मत्स्य पालकों को कार्यशील पूँजी उपलब्ध कराने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने हेतु अभियान चलाया जायेगा।

थोक मछली बाज़ार किया जायेगा स्थापित

“प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना” के तहत राज्य सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी पद्दति के माध्यम से झज्जर जिले में एक अत्याधुनिक थोक मछली बाज़ार स्थापित करने जा रही है। साथ ही सामूहिक मछली व झींगा पालन और उसके विपणन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य पालक किसान उत्पादक संगठन की स्थापना में भी सहयोग करेगी। 

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