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शनिवार, अप्रैल 20, 2024
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अब तक का सबसे बड़ा कृषि बजट,लोन माफी के लिए दिए गए 8,000 करोड़ रुपए

कृषि एवं संबंधित क्षेत्र बजट मध्यप्रदेश 2019-20

किसानों की बढती समस्या तथा लोन माफ़ी पूरी तरह से नहीं होने के कारण किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है | देश के तीन राज्यों की सरकार ने यह दावा किया था की सरकार बनते ही किसानों का लोन माफ़ कर देगी लेकिन 7 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक लोन माफ़ी नहीं हुआ है | इसके साथ ही किसानों की आय बढ़ना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है | इन सभी को ध्यान में रखते हुये मध्य प्रदेश की सरकार ने वर्ष 2019 – 20 के लिए पूर्ण बजट पेश किया है | यह बजट में किसानों के लिए सबसे ज्यादा पैसा दिया गया है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 145 प्रतिशत अधिक है |

10 जुलाई को मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 – 20 के लिए बजट पेश किया है | इस बार का बजट 2 लाख 33 हजार 606 करोड़ रुपया है जो संसोधित होकर 2 लाख 14 हजार 85 करोड़ रुपया रह गया है | इसका मतलब यह हुआ की मध्य प्रदेश सरकार राज्य के अलग – अलग विभगों की योजनाओं पर 2 लाख 14 हजार 85 करोड़ रुपया खर्च करेगी | यह बजट पिछले वर्ष की 1 लाख 94 हजार 430 करोड़ रुपया से अधिक है |

इस बार बजट में सबसे ज्यादा ध्यान कृषि पर दिया गया है | इस बार का कृषि बजट पिछले वर्ष के कृषि बजट से 145 गुना अधिक है जो एक रिकार्ड है | मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए 22 हजार 736 करोड़ रुपया का प्रवधान किया है | यह पिछले वर्ष के कृषि बजट 13 हजार 665 करोड़ रुपया से अधिक है | यह बजट का पैसा कृषि से जुड़े अलग – अलग योजनाओं पर खर्च होगा |

किसान समाधन इस बजट में किसानों से जुड़े सभी खर्च तथा मांगों को एक जगह लेकर आया है |

जय किसान फसल ऋण माफी योजना

बजट पेश करते हुये वित्त मंत्री ने यह बताया है कि आचार संहिता लगने से पहले जय किसान फसल ऋण माफ़ी योजना के तहत 20 लाख किसानों के लगभग 7 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ़ किये है | आचार संहिता के बाद ऋण माफ़ी की दूसरी प्रक्रिया शुरू किया है | इसके लिए 8 हजार करोड़ रूपये का प्रवधान किया है |

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किसानों की लोन माफ़ी तो हो रही है लेकिन दूसरी बार पुन: लोन दिया जा सके इसके लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के 15 सहकारी बैंकों को 1,000 करोड़ रुपया दिया है | इससे प्रदेश के किसान पुन: बैंक से लोन प्रापत कर सके |

इंदिरा किसान ज्योति योजना

इस सरकार ने दावा किया है की प्रदेश के किसानों के बिजली के बील भी हाफ कर दिये हैं | इंदिरा किसान ज्योति योजना के अंतर्गत 10 हार्सपावर तक के कृषि पंप कनेक्शनों के लिए बिजली की दर 1400 प्रति हार्स पावर प्रति वर्ष को आधी कर 700 रु. कर डी गई है | वर्ष 2019 – 20 के लिए बजट में 8,000 करोड़ रूपये का प्रवधान किया है | यही नहीं घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 100 यूनिट तक 100 रुपया प्रति माह कर दिया गया है | इसके लिए अलग से 2 हजार 400 करोड़ रूपये का प्रवधान किया गया है |

सरकार किसानों को कृषि लोन के ब्याज में सब्सिडी देती है | इसके लिए राज्य सरकार ने बैंकों को ब्याज सब्सिडी के लिए 700 करोड़ रुपया का प्रवधान किए है | यह अल्पकालीन ऋण के लिए ब्याज सब्सिडी के लिए हैं | जो खरीफ तथा रबी फसल पर दिया जाता है |

भावान्तर योजना और कृषक सम्रध्दी योजना

मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जो किसानों को भावांतर योजना लागु किया है | इसके तहत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य मिलने पर फ्लेट रेट से ऊपर की राशि सीधे किसानों के खातों में दंती है | इस बार राज्य सरकार ने किसानों को कृषक समृद्धि योजना तथा भावांतर / फ्लेट रेट योजना के लिए 2720 करोड़ रुपया आवंटित किया है |

प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2016 से पुरे देश में लागु है | इसके तहत केंद्र तथा राज्य सरकार की प्रीमियम में 33:33 प्रतिशत का योगदान रहता है | जहाँ वर्ष 2019 – 20 के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कमी किया है तो वहीँ राज्य सरकार ने इसके लिए 2,201 करोड़ रूपये का प्रवधान किया है |

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किसानों की घटती आय को ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना प्रारंभ किया इसके लिए 100 करोड़ रूपये का प्रवधान किया गया है |

पशुपालन सम्बन्धी योजनाओं के लिए

  • प्रदेश में बढती आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए गौशाला की 3 माडल पेश किया गया है | पहला क्न्वर्हजेनस पा आधारित एक मिश्रित माडल है जिसमें म्न्रेगा , आत्मा और राज्य शासन के स्रोतों के जरिये एक हजार स्थानों पर यह कार्य हाथ में लिया गया है | राज्य शासन इसके लिए 132 करोड़ रूपये का प्रवधान किया है | दूसरा माडल कार्पोरेट माडल है जिसमें व्यवसायिक आधार पर निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जायेगा | तीसरा माडल आर्थिक सामर्थ्य वाले मन्दिरों की चुन्निदा भूमियों को शास्त्रीय तरह से विकसित किया जायेगा | इसका सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की इन गौशालाओं को सरकार 20 रूपये प्रतिदिन प्रति गौवंश समर्थन दिए जाने का निर्णय लिया है |
  • इस बार से किसान क्रेडिट कार्ड को पशुपालन तथा मच्छली पालन के लिए उपयोग कर सकेंगे | इसके साथ ही राज्य सरकार ग्वालियर तथा जबलपुर में डेयरी साईंस एवं खाध प्रसंस्करण महाविधालय प्रारंभ किये जाने प्रस्तावित किया है \
  • राज्य में चल रहे पशुपालन तथा मच्छली पालन की योजनाओं के लिए 1 हजार 309 करोड़ रूपये का प्रवधान किया है | जो विगत वर्ष से 16 प्रतिशत अधिक है |

इस तरह से कहा जाये तो प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक पैसा दिया है | यह 145 प्रतिशत अधिक है | इतना पैसा किसी भी राज्य सरकार ने नहीं दिया है |

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