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कृषि वैज्ञानिक किसानों के पास जाकर देंगे नई किस्मों, उन्नत तकनीकों और योजनाओं की जानकारी, 29 मई से शुरू होगा अभियान

29 मई से सरकार द्वारा देशभर में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” चलाया जाएगा। अभियान के अंतर्गत कृषि वैज्ञानिकों की टीम गांव में किसानों के बीच जाकर खेती की उन्नत तकनीकों, नई किस्मों और सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देगी साथ ही प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

देश में किसानों को खेती की नई तकनीकों, उन्नत किस्मों सहित किसान हित में चलाई जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी  पहुँचाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद  (ICAR) द्वारा 29 मई 2025 से 12 जून 2025 तक देशभर में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” चलाया जाएगा। यह अभियान देश के 700 से ज्यादा जिलों में चलाया जाएगा।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियान के तहत कृषि वैज्ञानिक एवं मंत्रालय के अधिकारी-कर्मचारी, स्थानीय कृषि कर्मियों के साथ टीम बनाकर प्रतिदिन अलग-अलग गांवों में पहुंचकर किसानों से सीधे संवाद करेंगे तथा उन्हें खेती-किसानी के संबंध में अपने स्तर पर और जागरूक करेंगे और विभिन्न सलाह देंगे।

अभियान में किसानों को दी जाएगी यह जानकारी

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस अभियान का मकसद खेती को उन्नत करना है, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। पूरे अभियान के दौरान कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग की टीम किसानों के बीच जाकर उन्हें खेती की उन्नत तकनीकों, नई किस्मों और सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देगी साथ ही साथ ही प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

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अभियान में चार-चार वैज्ञानिकों की टीमें, किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सुझाई गई विभिन्न फसलों में संतुलित खादों के प्रयोग के लिए जागरूक व शिक्षित करेगी। केवीके, आईसीएआर के संस्थानों व इफको आदि द्वारा कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग का प्रदर्शन भी किया जाएगा एवं किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए आई.सी.टी. का व्यापक उपयोग होगा।

धान की सीधी बुवाई (DSR), फसल विविधीकरण, सोयाबीन की फसल में मशीनीकरण जैसी उन्नत तकनीकों का प्रसार भी केवीके के विशेषज्ञ करेंगे। टीमों में राज्य कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन विभागों, आत्मा के अधिकारी, राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) से जुड़े पौध संरक्षण अधिकारियों के साथ प्रगतिशील किसान, कृषि उद्यमी, एफपीओ/ एफआईजी/स्वयं सहायता समूहों के सदस्य भी शामिल होंगे।

3 महीने में मिलेंगे अभियान के परिणाम

कृषि मंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए हमारा संकल्प है विकसित खेती और समृद्ध किसान और किसानों को अगर समृद्ध बनाना है तो तरीका है कि वे ठीक ढंग से खेती करें। हम जो विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू कर रहे हैं, ये कर्मकांड नहीं है। ये ऐसा कार्यक्रम भी नहीं है कि हम आज शुरू कर रहे हैं और 10-20 साल बाद इसका नतीजा आएगा, बल्कि ये एक ऐसा अभिनव कार्यक्रम है कि हम आज शुरू करेंगे व तीन महीने बाद खरीफ सीजन में ही इसके सकारात्मक परिणाम दिखने की पूरी उम्मीद है।

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केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि कृषि में जो रिसर्च हो रहे हैं, वो किसानों के पास खेतों तक पहुंचना चाहिए। अभियान के जरिये किसानों में जिज्ञासा व रूचि पैदा होगी व वैज्ञानिक भी उत्साहित होंगे। कृषि मंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा कि ये कार्य वे मन से करेंगे तो इसका देश को, किसानों को बहुत फायदा होगा।

अभियान को लेकर आयोजित की गई बैठक

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभियान को लेकर 12 मई के दिन एक उच्चस्तरीय बैठक भी दिल्ली में आयोजित की, जिसमें देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) के साथ ही देशभर में फैले आईसीएआर के 100 से अधिक संस्थानों तथा कृषि विज्ञान से जुड़े अन्य संस्थानों के साथ ही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी हाईब्रिड मोड में शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी तथा आईसीएआर के महानिदेशक डॉ.एम.एल. जाट भी उपस्थित थे।

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