किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों तक वैज्ञानिकों की पहुंच सुनिश्चित कराए जाने के लिए वैज्ञानिकों की 2 हजार टीमें बनाई जा रही हैं। वैज्ञानिकों की टीमें देश के प्रत्येक जनपद में जाकर वहां की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से उत्पादन में वृद्धि, किसानों को आधुनिक खेती और तकनीकी से जोड़ने, कृषि और बागवानी से जुड़े विभिन्न आयामों के बारे में जानकारी देंगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने 5 मई के दिन उत्तराखंड के देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हुई कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उत्तराखंड में अच्छा कार्य हो रहा है। राज्य में कृषि का क्षेत्रफल घटा है, लेकिन उत्पादन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि के क्षेत्र में लंबी अवधि की कार्य योजना पर काम किया जाए, इसके साथ ही राज्य में तात्कालिक रूप से कृषि के क्षेत्र में जो कार्य होने हैं, उनके लिए भारत सरकार से जो अपेक्षा है, उसका प्रस्ताव भेजा जाए।
उत्तराखंड के उत्पादों को पहुंचाया जाएगा देश और दुनिया में
बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ को एक एंकर संस्थान के रूप में स्थापित किया जाएगा। महिलाओं द्वारा संचालित सेल्फ हेल्प ग्रुप, एफपीओ के गठन से लेकर एसएजी उत्पादन के एकत्रीकरण, ब्रांडिंग, मार्केटिंग, जीआईटेक और फिर जो यहां की फसलें हैं चाहे वो लाल चावल हों, फिंगर, बाजरा हो, जंगली शहद हो इनकी पहुंच को हम कैसे जनता तक बढ़ाएं, इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग, एनआरएलएम एक उपयुक्त टीम भेजेगा और राज्य सरकार के साथ मिलकर इस विचार को जमीन पर क्रियान्वित करेगा ताकि जो विशिष्ट उत्पाद है उनके लिए देश और दुनिया को हम बाजार बना सकें उनकी पहुंच वहां तक बढ़ा सकें और इस काम में लगे भाई और बहनों की आय बढ़ सके।