देश में किसानों को खेती-किसानी के कामों में निवेश के लिए सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड KCC योजना चलाई जा रही है। योजना का उद्देश किसानों को साहूकारों के चंगुलों से बचाना और खेती-किसानी की प्रारंभिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पूँजी उपलब्ध कराना है। किसानों को यह ऋण सहकारी बैंकों सहित राष्ट्रीय बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।
इस कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक राज्य में खरीफ फसलों की खेती के लिए 11.74 लाख किसानों को राज्य सहकारी बैंकों के द्वारा 2058 सहकारी समितियों के माध्यम से 5250 करोड़ रुपये का अल्पकालीन कृषि ऋण प्रदान किया गया है। इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा किसानों को 7300 करोड़ रुपए ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। अब तक वितरित कुल राशि लक्ष्य का लगभग 72 प्रतिशत है।
बता दें कि किसानों को उनके मांग और रकबे के अनुरूप अल्पकालीन कृषि ऋण प्रदान किया जा रहा है। जबकि पिछले वर्ष आज की स्थिति में 5 हजार करोड़ रुपये के अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित किए गए थे। कृषि विभाग के मुताबिक वर्तमान समय में इस योजना के माध्यम से प्रदेश के लाखों किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं। इससे किसानों को प्रारंभिक जरूरतों के लिए न सिर्फ राहत मिली है, बल्कि फसलों के उत्पाद में लगातार वृद्धि हो रही है।
किसानों को मिलता है ब्याज मुक्त फसली ऋण
देश में किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से कम दरों पर बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाता है। किसानों को यह ऋण 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर मिलता है, जिस पर केंद्र सरकार द्वारा समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को 3 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है जिससे किसानों को यह लोन मात्र 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर मिलता है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने इस साल 8,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिस पर सरकार की और से 317 करोड़ रुपये का ब्याज अनुदान दिया जायेगा। जिससे राज्य किसानों को ब्याज मुक्त फ़सली ऋण प्राप्त होगा।