फसल अवशेष यानी की नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सरकार द्वारा फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जा रही है। सरकार द्वारा नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया हैं। ऐसे में जिन किसानों के द्वारा फसल अवशेषों को जलाया जा रहा है उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है। इस कड़ी में एमपी के गुना जिले में नरवाई जलाने पर 112 किसानों के विरूद्ध लगभग 4.00 लाख रुपए का अर्थदण्ड लगाया गया हैं। यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।
इन किसानों पर लगाया गया है जुर्माना
कलेक्टर द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद जिन किसानों के द्वारा नरवाई जलाई जा रही है उनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। उक्त प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन किये जाने पर राधौगढ़ के ग्राम-दौराना के किसान गिरराज पुत्र रामसिंह मीना पर 5 हजार रुपए, घनश्याम पुत्र भगवानलाल मीना, राजाराम पुत्र नत्थूलाल मीना, पप्पू लाल मीना पर 2500-2500 रुपए, इसी प्रकार ग्राम- नसीरपुर के कृषक दीवान सिंह शिवहरे पुत्र घासीराम शिवहरे, कौशल्या बाई पत्नि दीवान सिंह शिवहरे, अजय, विजय पुत्र दीवान सिंह शिवहरे पर 5-5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।
वहीं ग्राम- गारखेड़ा के किसान पवन पुत्र नारायण जादौन पर 5 हजार का जुर्माना एवं जीतेन्द्र पुत्र निरपत सिंह, लाखन सिंह पुत्र पर्वत सिंह, विवेक पुत्र जगमोहन लोधी, कुलदीप, राहुल, विशाल पुत्रगण बहादुर सिंह पर 2500-2500 रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसी प्रकार अन्य विकासखण्ड के किसानों द्वारा नरवाई जलाने पर जुर्माने की कार्यवाही लगातार की जा रही हैं।
सैटेलाइट से की जा रही है मॉनिटरिंग
किसानों के खेतों में नरवाई जलाने की घटनाओं की जानकारी सैटेलाइट मॉनिटरिंग के माध्यम से प्रतिदिन जिला प्रशासन को प्राप्त हो जाती है, जिसके आधार पर नरवाई जलाने वाले गांवो में राजस्व एवं कृषि विभाग की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर प्रकरण तैयार कर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के द्वारा जुर्माने की कार्यवाही निरंतर की जा रही है।
नरवाई जलाने पर कितना जुर्माना लगेगा?
एमपी में यदि किसान नरवाई जलाते हैं तो राज्य शासन के नोटिफिकेशन प्रावधान अनुसार पर्यावरण विभाग द्वारा नरवाई में आग लगाने के विरुद्ध पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि दण्ड का प्रावधान निर्धारित किया गया है। ऐसा कोई व्यक्ति, निकाय या किसान जिसके पास 2 एकड़ तक की भूमि है तो उनको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 2500 रुपये प्रति घटना के मान से आर्थिक दण्ड भरना होगा। जिसके पास 2 से 5 एकड़ तक की भूमि है तो उनको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 5 हजार रुपये प्रति घटना के मान से आर्थिक दण्ड भरना होगा तथा जिसके पास 5 एकड़ से अधिक भूमि है तो उनको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 15 हजार प्रति घटना के मान से आर्थिक दण्ड भरना होगा।
नरवाई जलाने पर सरकार जुर्माना क्यों लगाती हैं भैया खेत किसानों के है या सरकार के सभी किसानों को अगली बोनी टाइम पर करने के लिए हैप्पी सीडर उपलब्ध कराई जा सकती है तो क्यों आग लगायी जायेगी किसान क्या खेतों में आग लगाकर आगी तापते है