ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के अनुसूचित जाति के भूमिहीन व गरीब पशुपालकों की आय में वृद्धि एवं बकरी पालन के कार्य को प्रोत्साहित देकर कुपोषण से बचाव के लिए आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बकरी पालन की योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। सरकार ने योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
पशुधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के अनुसूचित जाति के भूमिहीन व गरीब पशुपालकों की आय में वृद्धि एवं बकरी पालन के कार्य को प्रोत्साहन देकर कुपोषण से बचाव के लिए आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से योजना का क्रियान्वयन किया जाना है। योजना के क्रियान्वयन से बकरी मांस एवं दूध का उत्पादन बढ़ने से प्रदेश की कुल सकल आय में वृद्धि होगी एवं अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों को रोजगार उपलब्ध होगा व उनके सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
बकरी पालन के लिए कितना अनुदान मिलेगा?
बकरी पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना से जुड़ा हुआ व्यवसाय है। यह व्यवसाय आय एवं पोषण का महत्वपूर्ण स्रोत है। बकरी पालन न्यूनतम जोखिम व अधिकतम लाभ का व्यवसाय है। बकरी पालन की योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में प्रतिवर्ष 750 बकरी इकाइयों (प्रति जनपद 10 बकरी इकाइयों) को स्थापित कर संचालित किया जाना है। बकरी पालन हेतु जारी किए गए दिशा-निर्देश के अनुसार लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। प्रति इकाई 01 नर व 05 मादा बकरी उपलब्ध कराई जाएगी।
पशुधन विभाग द्वारा एक इकाई की निर्धारित लागत 60,000 रुपए तय की गई है। जिसमें किसानों को 90 प्रतिशत यानि की 54,000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। शेष 10 प्रतिशत राशि यानी की 6,000 रुपए का भुगतान किसानों को देना होगा। योजना के अंतर्गत 1 नर का मूल्य 10,000 रुपए एवं 1 मादा का मूल्य 9,000 रुपए निर्धारित किया गया है। योजना के अंतर्गत आवंटित धनराशि से नर एवं मादा का क्रय, बीमा व चिकित्सा तथा परिवहन का कार्य किया जाएगा। योजना लक्ष्य चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेश के सभी 75 जनपदों में प्रति जनपद 10 इकाइयों की स्थापना करते हुए 750 बकरी इकाइयों की स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इन्हें मिलेगा बकरी पालन योजना का लाभ
सरकार ने योजना के तहत मापदंड तय कर दिए हैं। जिसके अनुसार योजना का लाभ लेने के लिए 18 वर्ष से अधिक आयु के अनुसूचित जाति की महिला एवं पुरुष बेरोजगार पशुपालक जिनके पास बकरियों को रखने का उचित स्थान उपलब्ध होगा, योजना के लिए पात्र होंगे। भेड़-बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र इटावा एवं केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान फराह, मखदूम, मथुरा से बकरी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त आवेदकों को वरीयता के अनुसार चयनित किया जाएगा। विधवा निराश्रित महिलाओं को योजना में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा योजना में अंतर्गत दिव्यांगजनों को भी प्राथमिकता देना का प्रावधान किया गया है।
Mujhe pasupalan krna hai mai agriculture ka student hu
अपने यहाँ के सरकारी पशु चिकित्सालय या जनपद के पशुपालन विभाग में संर्पक कर वहाँ आवेदन करें।
Sir hame बकरी पालन खुलना चाहिए है
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Goat palan khulna ha 10goat
बिहार में बकरी पालन फ़ार्म के लिए https://goat2026.dreamline.in/ लिंक पर पंजीयन करें।
बकरी पालन खुलना है
Goats farming karne ka hai.
सर अपने ब्लॉक या जिले के पशु चिकित्सालय या जिले के पशुपालन विभाग में संपर्क कर आवेदन करें।