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शनिवार, जनवरी 25, 2025
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उपज बिक्री का समय पर भुगतान न होने पर किसानों को दिया जायेगा 9 प्रतिशत का ब्याज

फसल खरीदी के भुगतान पर ब्याज

देश के कई राज्यों में 1 अप्रैल से रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो चुकी है | किसान अपनी फसल मंडी में ले जाकर बेच भी रहे हैं | इस वर्ष सभी पंजीकृत किसानों को मेसेज के द्वारा या टोकन के माध्यम से मंडी में फसल तुलाई के लिए बुलाया जा रहा है ऐसे में किसानों को समय पर भुगतान के लिए अलग-अलग राज्य सरकारों ने 48 से 72 घंटे की सीमा का निर्धारण किया है | वहीँ हरियाणा सरकार ने किसानों को समय पर भुगतान न होने पर 9 फीसदी ब्याज देने के फैसला लिया है |

500 केन्द्रों पर शुरू हुई समर्थन मूल्य पर खरीदी

हरियाणा राज्य में 500 खरीदी केन्द्रों पर रबी फसल की खरीदी 1 अप्रैल से शुरू कर दी गई है | उप मुख्यमंत्री ने अनुमान लगाया है कि राज्य में इस बार 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं आने की उम्मीद है | राज्य में गेहूं के अलावा 5 अन्य फसलों की सरकारी खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है | पहली बार सरकारी खरीद ऐजेंसियों ने 1 अप्रैल से गेहूं और सरसों की खरीद शुरू कर दी है। वहीँ इस वर्ष खुले बाजार में सरसों का भाव 5200 से 5400 रूपये प्रति क्विंटल मिल रहा है |

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किसान खुद रजिस्टर कर बेच सकते हैं अपनी उपज

हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि जो भी पंजीकृत किसान हैं, उन्हें जिस दिन मंडी या खरीद केंद्र में फसल बिक्री के लिए बुलाया जाए तो उसकी फसल तुरंत खरीदी जाए। उन्होंने बताया कि सरकार ने यह विकल्प भी दे रखा है कि 50 प्रतिशत किसानों को सरकार बुलाएगी और 20 प्रतिशत किसान, जिनकी फसल पक चुकी है तथा वे चाहते हैं कि सरकार उनकी फसल पहले खरीदे, वे अपने आपको रजिस्टर करवा सकते हैं, उनको भी टोकन दिया जाएगा। इसके अलावा, 30 प्रतिशत किसान बुलाने का अधिकार आढ़तियों को भी दिया गया है।

72 घंटे में भुगतान न होने पर दिया जायेगा ब्याज

1 अप्रैल से शुरू की गई रबी फसल की खरीदी का भुगतान 72 घंटों के अंदर किया जायेगा | किसान जब अपनी फसल बेचने के लिए खरीद केंद्र या मंडी में लेकर आएगा तो उसे जे फार्म मिलेगा और 40 घंटे के अंदर किसान को उसकी फसल की कीमत की अदायगी हो जाएगी | यदि 72 घंटे में किसान को अदायगी नहीं हुई तो सरकार उस राशि पर 9 प्रतिशत ब्याज किसानों को देगी |

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