आज के समय में खेती किसानी को लाभ का धंधा बनाने के लिए लगातार नई तकनीकों, उन्नत बीजों आदि का विकास किया जा रहा है। कृषि मेला अधिक से अधिक किसानों तक इन तकनीकों को पहुंचाने में कारगर साबित हो रहे हैं इसलिए किसानों का रुझान भी कृषि मेलों की तरफ बढ़ा है। इस कड़ी में हरियाणा के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में 17 और 18 मार्च 2025 के दौरान दो दिवसीय कृषि मेले का आयोजन किया गया। मेले में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के 83,000 से अधिक किसानों ने भाग लिया।
इस साल चौधरी चरण सिंह कृषि विश्व विद्यालय में आयोजित “कृषि मेला (खरीफ)” की मुख्य थीम कृषि में उद्यमिता को बढ़ावा देने पर रखी गई थी। जिसमें किसानों को कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा मेले में खरीफ फसलों के उन्नत बीज, पौधे, कृषि यंत्र, कृषि साहित्य और मिट्टी पानी की जाँच आदि की सुविधा भी किसानों के लिए उपलब्ध कराई गई थी।
मेले में किसानों ने खरीदे 43 लाख रुपये के बीज
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने बताया कि मेले में किसानों ने करीब 43.06 लाख रुपये के खरीफ फसलों व सब्जियों की उन्नत व सिफारिश की गई किस्मों के प्रमाणित बीज तथा करीब 3 लाख 50 हज़ार रुपये के फलदार पौधे व सब्जियों के बीज खरीदे। बीज के अलावा किसानों ने 12,850 रुपये के जैव उर्वरक तथा 45 हजार रुपये के कृषि साहित्य भी खरीदे। कृषि मेले में मिट्टी व पानी की जांच सेवा का लाभ उठाते हुए मिट्टी व पानी के 372 नमूनों की जांच करवाई गई।
कृषि मेले में यह भी रहा खास
संयुक्त निदेश विस्तार डॉ. कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि मेले में लगाई गई कृषि-औद्योगिक प्रदर्शनी किसानों के आकर्षण का विषय केंद्र रही। इस प्रदर्शनी में कुल 258 स्टालें लगाई गई। उन्नत किस्म के बीज, नवीनतम तकनीक, कृषि उपकरण, समेकित कृषि प्रणाली तथा कृषि क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देना मेले के मुख्य आकर्षण रहे। मेले के अंतिम दिन बीज बिक्री केंद्रों एवं स्टालों पर किसानों की भारी गहमा-गहमी रही। प्रश्नोत्तरी सत्र के दौरान किसानों और वैज्ञानिकों के बीच हुए संवाद के अलावा कृषि में उद्यमिता को बढ़ावा देने पर विस्तृत चर्चा की गई।
सबसे अच्छा प्रदेश करने वाले स्टालों को किया गया सम्मानित
स्टालों में से सीड ग्रपु में शक्तिवर्धक प्रथम, आईएफएसए सीड्स/ समग सीड्स द्वितीय तथा अंकुर सीड्स/ श्रीराम बायोसीड्स जेनेटिक्स तृतीय स्थान पर रहे। इंसेक्टिसाइड व पेस्टीसाइड ग्रुप में क्रिस्टल क्रॉप प्रोटेक्शन प्रथम, बायर क्रॉप साइंस द्वितीय व टैकोवेट फार्मा तृतीय स्थान पर रहे। फर्टिलाइजर ग्रुप में यारा फर्टिलाइजर, इफ़को हिसार व डीसीएम श्रीराम फर्टिलाइजर क्रमश पहले, दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे। मशीनरी व ट्रैक्टर ग्रुप में करतार ट्रैक्टर्स/ रेनबो बाथ, गुरुकृपा मैकेनिकल वर्क्स व प्रेम एग्रो इंडस्ट्रीज सरदार एग्री वर्क क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे।
प्रगतिशील किसान समूह में सुभाष कंबोज/ एबिक बेकरी, देसी बीज बैंक बढ़वासनी तथा रणजीत व जगत कक्कड़ क्रमशः पहले, दूसरे एवं तीसरे स्थानों पर रहे। इसी प्रकार हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग विभाग, कम्युनिटी साइंस तथा एग्री टूरिज्म एबिक स्टार्ट अप को क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार मिले। सरकारी विभाग कैटेगरी में लुवास पहले व एमएचयू दूसरे स्थान पर रहे। विविध ग्रुप में आर्गेनिक हरियाली, श्री कृष्ण गौशाला कबरेल/ बालाजी एग्रो इंडस्ट्रीज तथा हिसार जींद कोऑपरेटिव मिल्क प्रोडक्ट्स पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।