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बुधवार, अप्रैल 17, 2024
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पशु पालकों को गोमूत्र एवं गोबर खरीदी के बदले किया गया 8 करोड़ 63 लाख रुपए का भुगतान

गोमूत्र एवं गोबर खरीदी का भुगतान

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन एवं पशु पालकों की आय बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में गोधन न्याय योजना चला रही है। योजना के अंतर्गत ग्रामीणों एवं पशुपालकों से गोठानों के माध्यम से गोमूत्र एवं गोबर की खरीदी की जा रही है। गोठानों में खरीदे गए इस गोबर एवं गोमूत्र से स्व सहायता समूह विभिन्न उत्पाद जैसे वर्मी कम्पोस्ट खाद, प्राकृतिक पेंट, जीवामृत, ब्रम्हास्त्र कीट नियंत्रक आदि तैयार करके उनका विक्रय कर रहे हैं। 

20 फरवरी के दिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गोधन न्याय योजना अंतर्गत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 8 करोड़ 63 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन जारी की। इस योजना के हितग्राहियों को अब तक 412.19 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।

अब तक 105 लाख 63 हजार क्विंटल गोबर खरीदा गया

गोधन न्याय योजना के शुरू होने से अब तक कुल 105 लाख 63 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है इसके एवज में गोबर विक्रेताओं को अभी 4.76 करोड़ रुपए के भुगतान के बाद 211 करोड़ 25 लाख रुपए की राशि प्रदान कर दी गई है। गोधन न्याय योजना से लाभान्वित पशुपालकों में 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और गोबर खरीदी में 85 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 20 फरवरी के दिन ग्रामीण पशुपालकों को अंतरित की जा रही कुल राशि में से 04 करोड़ 76 लाख रुपए का भुगतान गोबर खरीदी के एवज में किया गया।

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गोमूत्र से अब तक हुई 28 लाख 96 हजार रुपए की कमाई

मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर खरीदी के साथ-साथ 4 रूपए लीटर की दर से गोमूत्र की खरीदी की जा रही है। अभी तक 01 लाख 33 हजार 484 लीटर गौमूत्र की खरीदी की जा चुकी है। इसका मूल्य 05 लाख 37 हजार 936 रूपए है। गौमूत्र से ब्रम्हास्त्र कीट नियंत्रक और जीवामृत वृद्धि वर्धक के निर्माण तथा विक्रय से अब तक 28 लाख 96 हजार 845 रूपए की आय हो चुकी है।

21 जिलों में बनाया जाएगा गोबर से पेंट

राज्य में गोबर से पेंट बनाने के लिए 21 जिलों में 45 इकाई स्वीकृत हुई हैं, इनमें से 13 इकाईयां प्रारंभ हो चुकी हैं। शेष 32 यूनिट का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। अभी तक 30 हजार 218 लीटर पेंट का उत्पादन हो चुका है। इनमें से 14 हजार 358 लीटर पेंट का विक्रय हो चुका है। इससे 29 लाख 16 हजार 300 रूपए की आय प्राप्त हुई है।

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