धातु का कोठिला पर अनुदान
अन्नदाता किसान भाई–बहन कड़ी मेहनत करके विभिन्न फसलों का उत्पादन तो कर लेते हैं, परन्तु उनके पास अनाज के भंडारण की उचित सुविधा नहीं होने के कारण वे अपने अनाजों को औने – पौने दाम में बेचने को मजबूर हो जाते हैं | अगर वे अनाजों को अपने घर में ठीक से नहीं रखते हैं तो उनमें चूहा लगने एवं अन्य कीड़ों से काफी नुकसान होता है | इस प्रकार, किसान भाईयों एवं बहनों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ती है | सरकार द्वारा किसानों के इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुये अन्न भंडारण हेतु धातु कोठिला के लिए अनुदान देने का प्रावधान किया गया है | किसान समाधान इस योजना का लाभ कैसे लें जानकारी लेकर आया है |
योजना क्या है तथा किस राज्य के लिए हैं ?
यह योजना बिहार राज्य के लिए हैं तथा सभी वर्ग के किसानों के लिए हैं | राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019 – 20 में राज्य योजना के अंतर्गत अन्न भंडारण योजना के तहत किसानों को धातु कोठिला उपलब्ध कराने हेतु कुल 249.9985 लाख रूपये राशि की योजना के अंतर्गत की स्वीकृति प्रदान की गई हैं | इस योजना के तहत 26250 धातु कोठी पर अनुदान दिया जायेगा, जिसके लिए जिलावार लक्ष्य निर्धारण किया जा चूका है |
किसानों को कितना लाभ होगा ?
किसानों को अन्न भंडारण के लिए धातु के कोठी दिया जायेगा | यह कोठी 5 किवंटल तक अन्न भंडारण करेगा | धातु कि कोठिला 0.60 मि.मी. आई.एस.आई. जी.आई. शीत से निर्मित होगा | एक वर्ष में एक किसान को एक कोठिला दिया जायेगा |
इस पर सरकार कितना सब्सिडी दिया जायेगा ?
एक कोठिला का मूल्य 23,00 रुपया है जो 5 किवंटल तक अन्न भंडारण कर सकता है | इस कोठिला पर सामान्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत तक का सब्सिडी दी जाएगी जो रूपये में 920 होगी | वहीं अनुसूचित जाती तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों को लागत मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 1150 रूपए कि सब्सिडी दी जाएगी |
किसानों को योजना का लाभ कैसे दिया जायेगा ?
पूर्व के वर्षों में इस योजना के अंतर्गत लाभान्वितों का चयन इस वर्ष में नहीं किया जायेगा | पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसानों का चयन किया जायेगा तथा एक वित्तीय वर्ष में एक किसान को एक धातु कोठिला से अधिक पर अनुदान नहीं दिया जायेगा | धातु कोठिला पर अनुदान के लिए इच्छुक किसानों से प्रखंड कृषि पदाधिकारी / कृषि समन्वयक / जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा प्राधिकृत करने के द्वारा आवेदन प्राप्त किये जायेंगे | किसानों से किसान मेला एवं विशेष शिविर में भी आवेदन प्राप्त किये जायेंगे |