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बुधवार, जुलाई 9, 2025
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इस वर्ष की जाएगी 470 मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना, किसानों को किया जाएगा जिंक और बोरॉन का वितरण

कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में राज्य के 470 प्रखंडों में एक-एक ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी।

फसलों की अधिक पैदावार के लिए स्वस्थ मिट्टी का होना आवश्यक है, ऐसे में किसानों को उनके खेत की मिट्टी की सेहत की जानकारी मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा सॉइल हेल्थ कार्ड बनाए जाते हैं। अधिक से अधिक किसान उनके खेत की मृदा का परीक्षण करा सकें इसके लिए सरकार द्वारा मिट्टी जाँच प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही है। इस कड़ी में बिहार सरकार इस वर्ष राज्य के 470 प्रखंडों में एक-एक ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना करने जा रही है।

इस संबंध में बिहार के उप-मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में राज्य के 470 प्रखंडों में एक-एक ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। इन प्रयोगशालाओं के माध्यम से स्थानीय किसानों को उनके खेत की मिट्टी का परीक्षण सुलभ और समयबद्ध रूप से उपलब्ध होगा। जिससे उन्हें फसल चक्र, उर्वरक उपयोग और भूमि सुधार के संबंध में वैज्ञानिक सलाह प्राप्त हो सकेगी। इस पहल से फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होगी एवं खेती की लागत में कमी आएगी, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।

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सभी प्रखंडों में की जाएगी मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना

कृषि मंत्री ने बताया कि इन प्रयोगशालाओं की स्थापना से न केवल कृषि तकनीक को गांव तक पहुंचाया जा सकेगा बल्कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएँगे। वर्तमान में राज्य के विभिन्न प्रखंडों में कुल 72 ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं, जिन्हें विस्तार देकर अब प्रत्येक प्रखंड में एक प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है।

जिंक और बोरॉन का किया जाएगा वितरण

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना के तहत राज्य के 34 जिलों की विभिन्न पंचायतों में क्षारीय मिट्टी और 4 जिलों में अम्लीय मिट्टी के सुधार का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। अत्याधिक क्षारीय अथवा अम्लीय मिट्टी फसलों की उपज को प्रभावित करती है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में विश्लेषित किए गए मिट्टी नमूनों के आधार पर राज्य के कुल 1900 हेक्टेयर भूमि में सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति की जाएगी, इसके अंतर्गत प्रत्येक जिले में 500 हेक्टेयर भूमि पर जिंक और बोरॉन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों का वितरण किया जाएगा, जिससे भूमि की उर्वरता में सुधार होगा और बेहतर उपज सुनिश्चित की जा सकेगी।

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