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मंगलवार, अप्रैल 16, 2024
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प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत 32 परियोजनाओं को मिली मंजूरी

किसान संपदा योजना

किसानों द्वारा उत्पादित फसल तथा किसी भी प्रकार के उत्पाद को बाजार उपलब्ध करवाने तथा रोजगार सृजन के उद्देश्य से वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की शुरुआत की गई थी | इस योजना के अंतर्गत घरेलू और अंतराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय किसानों को उपभोगताओं के साथ जोड़ने में खाध प्रसंस्करण की महत्वपूर्ण भूमिका है | खाध प्रसंस्करण उधोग मंत्रालय के माध्यम से भारत सरकार व्यवसाय में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है और इसके तहत इसने संयुक्त उपक्रम, विदेशी सहयोग, औधोगिक, लाईसेंस और 100 प्रतिशत निर्यात उन्मुख इकाईयों के प्रस्तावों को मंजूरी दी है |

योजना के तहत केन्द्रीय खाध प्रसंस्करण उधोग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई अंतर–मंत्रालयी अनुमोदन समिति (आईएमएसी) की बैठक में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की यूनिट स्कीम के तहत 406 करोड़ रूपये के निवेश की संभावना वाली 17 राज्यों की कुल 32 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है |

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प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के अंतर्गत परियोजनाओं

वर्ष 2016 में शुरू किये गये प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना का यह पांचवां वर्ष है | यह योजना वर्ष 2016 से 2020 तक के लिए है | इस दौरान योजना पर कुल 6,000 करोड़ रूपये खर्च किया जाना है | योजना के अंतर्गत देश के 17 राज्यों में विभिन्न क्षेत्रों में काम किया जा रहा है |

  • मेगा फ़ूड पार्क लगाने,
  • एकीकृत प्रशीतन गृहों की श्रृंखला
  • मूल्यवर्धन अवसंरचना
  • कृषि प्रसंस्करण क्लस्टरों के लिए अवसंरचना विकास
  • अन्य कई तरह की सुविधाएँ शुरू की गई है

इस योजना का मुख्य उद्देश्य मौजूदा खाध प्रसंस्करण इकाईयों का आधुनिकीकरण/विस्तार और मूल्य वर्धन करना है तथा उनकी प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमताओं को बढ़ाकर कृषि उपज की बर्बादी को रोकना है |

प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना की प्रगति

पिछले पांच वर्षों से इसकी सकल वार्षिक विकास दर (सीएजीआर) करीब 8 प्रतिशत बनी हुई है | जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, वे देश के 100 कृषि जलवायु क्षेत्र में हैं | देश के खाध प्रसंस्करण बाजार के 14.6 प्रतिशत सीएजीआर की दर से 2020 तक बढ़कर 543 अरब डालर का हो जाने की संभावना है, वर्ष 2016 में यह 322 अरब डालर था |

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