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न्यूनतम समर्थन मूल्य सूची में शामिल की गई 23 नई फसलें

समर्थन मूल्य सूची में 23 वन ऊपज (MFP) शामिल

वर्ष 2020–21 का कृषि वर्ष खरीफ मौसम के साथ शुरू होने वाला है | किसानों की आय समर्थन मूल्य पर निर्भर करती है, सरकार द्वारा फसलों का समर्थन मूल्य पहले ही घोषित कर दिया जाता है | प्रत्येक वर्ष केंद्र सरकार खरीफ तथा रबी फसल के साथ वानिकी को मिलाकर 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करता है जो पुरे देश के लिए एक समान लागू रहता है | लम्बे समय से 23 फसलों के अतिरिक्त अन्य फसलों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य में शामिल करने कि मांग किसानों द्वारा उठाई जा रही हैं | जब बात वन उत्पादन कि रहती है तो यह सवाल ओर भी गंभीर हो जाता है | वन क्षेत्रों में उत्पादन होने वाले उपार्जन पर उस क्षेत्र के जनजातीय तथा आदिवासी समाज कि निर्भरता रहती है | जिनके लिए बाजार मिल पाना ओर भी मुश्किल हो जाता है |

ऐसे में जनजातीय मामले मंत्रालय ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में 23 अतिरिक्त गौण वन ऊपज (एमएफपी) मदों को शामिल करने ओर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के जरिये गौण वन ऊपज (एमएफपी) मदों के विकास तथा एमएफपी कि मूल्य श्रृंखला के लिए “तंत्र” नामक केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम के तहत उनके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अनुबंध की घोषणा की | कवरेज को 50 से बढ़ाकर 73 करने का यह निर्णय कोविड–19 महामारी ओर बेहद कठिन परिस्थितियों में लिया गया है |

गौण वन ऊपज के विभिन्न मदों में 16 से 66 प्रतिशत तक की वृद्धि किया गया है

26 मई, 2020 को अतिरिक्त मदों की यह अनुशंसा 1 मई 2020 को जारी पहले की अधिसूचना के अतिरिक्त है, जिसमें विधमान 50 एमएफपी के लिए एमएसपी संशोधनों की घोषणा की गई थी | गौण वन ऊपज के विभिन्न मदों में यह वृद्धि 16 से 66 प्रतिशत तक की गई (कुछ मामलों जैसेकि गिलोय में यह वृद्धि 190 प्रतिशत तक की गई) थी | इस वृद्धि से सभी राज्यों में गौण वन ऊपज की खरीद में भी तत्काल और आवश्यक गति मिलने की उम्मीद है |

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इन फसलों को शामिल किया गया न्यूनतन समर्थन मूल्य सूची में

नये जोड़े गए 14 मद, जो अन्यथा कृषि ऊपज हैं, भारत के पूर्वात्तर हिस्से में वाणिज्यिक रूप से नहीं उगाए जाते हैं , लेकिन वनों में जंगली क्षेत्रों में उगते पाए जाते हैं | इसलिए मंत्रालय ने पूर्वोत्तर के लिए एमएफपी मदों के रूप में इन विशिष्ट मदों को शामिल करने पर अनुकूल तरीके से विचार किया है |

इसके अतिरिक्त भारत भर में वन्य क्षेत्रों में उपलब्ध निम्नलिखित 9 मदों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ इस अधिसूचना में शामिल किया गया है |
  1. वन तुलसी बीज
  2. वन जीरा
  3. इमली बीज
  4. बाँस झाड़ू
  5. सूखा आवंला
  6. कचरी बहेड़ा
  7. कचरी हर्रा
  8. लाख के बीज

एमएसपी (MSP)  के साथ शामिल की गई मदों के विवरण नीचे अनुबद्ध किए गए हैं

क्रम संख्या
गौण वन ऊपज (एमएफपी)
अंतिम एमएसपी (रूपये प्रति किलोग्राम में)
वर्ग एफ :- वन
ए:- कृषि
पी:- प्रसंस्कृत
एमएफपी मद के रूप में उपयुक्तता

1.

वन तुलसी बीज

16

एफ

अखिल भारतीय

2.

वन जीरा

70

एफ

अखिल भारतीय

3.

सुपारी कच्ची

30

पूर्वोत्तर राज्य

4.

सुपारी सुखी 

200

ए पी

पूर्वोत्तर राज्य

5.

मशरूम सूखा

300

ए पी

पूर्वोत्तर राज्य

6.

काला चावल

100

पूर्वोत्तर राज्य

7.

जोहर चावल

50

पूर्वोत्तर राज्य

8.

किंग चिली

300

पूर्वोत्तर राज्य

9.

सरसों

40

पूर्वोत्तर राज्य

10.

कच्चा काजू

450

पूर्वोत्तर राज्य

11.

काजू

800

ए पी

पूर्वोत्तर राज्य

12.

इमली के बीज

11

एफ

अखिल भारतीय

13.

बांस झाड़ू

60

एफ

अखिल भारतीय

14.

सौंठ

50

ए पी

पूर्वोत्तर राज्य

15.

पेरीला सूखा

140

पूर्वोत्तर राज्य

16.

रोसेला सूखा

200

पूर्वोत्तर राज्य

17.

नटगाल

150

पूर्वोत्तर राज्य

18.

जैंथोसाइलम ड्रायड

200

पूर्वोत्तर राज्य

19.

कटहल के बीज

45

पूर्वोत्तर राज्य

20.

सुखा आंवला

60

एफ

अखिल भारतीय

21.

कचरी बहेड़ा

20

पी

अखिल भारतीय

22.

कचरी हर्रा

23

पी

अखिल भारतीय

23.

लाख के बीज

677

एफ पी

अखिल भारतीय

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घोषित मूल्य में 10 प्रतिशत कि ज्यादा या कम हो सकता है

मंत्रालय ने राज्यों को सरकार द्वारा घोषित एमएसपी की तुलना में 10 प्रतिशत तक अधिक या कम एमएसपी निर्धारित करने का लचीलापन प्रदान किया है | इस अधिसूचना का उद्देश्य स्थानीय व्यापारियों द्वारा शोषण के कई मुद्दों का समाधान करना, उनकी उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना है |

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