2018 के बजट में एम.एस. स्वामीनाथन रिपोर्ट की एक मांग को लागू करने की कोशिश
2005 में केंद्र सरकार द्वारा गठित एम.एस. स्वामीनाथन आयोग का गठन किया गया था , जिसमें यह बताया गया था की किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाने का सबसे बड़ा कारण यह है की किसान को फसल बेचने के लिए कृषि मंडी नहीं है | इस रिपोर्ट में कर्नाटक का 8848 किसानों का एक सर्वे डाला गया है , जिसमें निकल कर यह सामने आया है की कृषि मंडी का कम होना या नहीं होना एक बड़ा कारण है |
अभी देश में लगभग 7,400 कृषि मंडी है , जो काफी नहीं है बिहार जैसे राज्यों में तो बिलकुल ही नहीं है | अभी देश में 42,000 मंडी की जरुरत है | सरकार ने कृषि बाजार बनाए के लिए 2,000 करोड़ रुपया प्रस्तावित किया है | लेकिन सरकार ने यह नहीं बताया है की इससे कितनी कृषि मंडी का निर्माण होगा | और किस – किस राज्यों में बनाया जायेगा |
लेकिन सरकार ने एक और घोषना कि है की देश में वर्ष 2018–19 में 22,000 कृषि हाट बनायें जायेंगे जिससे किसान अपना माल वहां जाकर सीधे बेच सके | आप एक बात ध्यान रखें की कृषि हाट कृषि मंडी नहीं होता है | लेकिन छोटा बाजार होता है जंहा पर किसान अपना माल बेच सकता है |