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गुरूवार, मार्च 28, 2024
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राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत अभी तक खर्च किये गए 1841.75 करोड़ रूपये

राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के क्रियान्वयन की स्थिति

देश में स्वदेशीय गोवंश के विकास और संरक्षण के लिए एवं पशुपालकों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से भारत सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना की शुरुआत की थी | योजना के तहत गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार, संरक्षण तथा दूध के उत्पादन की गुणवत्ता को बढ़ाना आदि लक्ष्य निर्धारित किये गए थे | योजना का क्रियान्वयन देश के सभी राज्यों में किया जा रहा है |  इस योजना में दो घटक शामिल हैं, नामत: राष्ट्रीय बोवाइन प्रजनन कार्यक्रम (एनपीबीबी) और राष्ट्रीय बोवाइन उत्पादकता मिशन (एनएमबीपी)। योजना की शुरुआत 2014 में की गई थी जब से लेकर अभी तक योजना की कार्य की प्रगति लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के विषय में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह ने विस्तार से जानकारी दी जिसे किसान समाधान आपके लिए लेकर आया है |

राष्ट्रीय गोकुल मिशन का उद्देश्य क्या है ?

केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना देश में देशी गौ वंश को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है | इसका उद्देश्य इस प्रकार है :-

  1. स्वदेशी नस्लों का विकास और संरक्षण
  2. स्वदेशी नस्लों के लिए सुधार कार्यक्रम ताकि आनुवांशिक संरचना में सुधार हो और स्टाक में वृद्धि हो,
  3. रोग मुक्त उच्च आनुवांशिक गुण वाली मादा आबादी को बढ़ाकर और रोग के प्रसार को नियंत्रित करके बोवाइन आबादी के दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना,
  4. गिर, साहिवाल, राठी, देओनी, थारपरकर, लाल सिंधी जैसी उत्कृष्ट स्वदेशी नस्लों का उपयोग करके नान – डिस्क्रिप्ट गोपशुओं का उन्नयन करना,
  5. प्राकृतिक सेवा के लिए रोग मुक्त उच्च आनुवांशिक गुणवता वाले बैलों का वितरण,
  6. उच्च आनुवांशिक गुणता वाले जर्म प्लाज्म का उपयोग करके एआई या प्राकृतिक सेवा के जरिए सभी प्रजनन योग्य मादाओं को संगठित प्रजनन के तहत लाना,
  7. किसानों के घर पर गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भधान (एआई) सेवाओं की व्यवस्था करना,
  8. प्रजनकों और किसानों को जोड़ने के लिए बोवाइन जर्मप्लाज्म के लिए ई – मार्केट पोर्टल बनाना,
  9. सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी (एसपीएस) मुद्दों को पूरा करके पशुधन उत्पादों के व्यापर में वृद्धि करना,
  10. जीनोमिक्स का प्रयोग करके कम उम्र के उच्च आनुवांशिक योग्यता वाले प्रजनन बैलों का चयन करना,

योजना के तहत अभी तक दी गई वित्तीय सहायता

इस योजना के तहत 2500 करोड़ रूपये के साथ शुरुआत की गई थी | इस योजना पर दिसम्बर 2020 तक 1841.75 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जा चुकी है | संसद में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया की राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना को देश के सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जा रहा है | योजना के तहत वर्ष 2014–15 से दिसम्बर 2020 तक 1841.75 करोड़ रूपये खर्च किये गये हैं |

राज्यवार योजना तहत दी गई राशि

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