खेती में उन्नत और प्रमाणित बीज का अत्यधिक महत्व है। अच्छे बीज से जहां फसलों का उत्पादन बढ़ता है तो वहीं पैदावार अधिक होने से किसानों की आमदनी भी बढ़ती है। इस कड़ी में बिहार सरकार राज्य में गुणवत्ता युक्त प्रमाणित बीज के उत्पादन पर जोर दे रही है। इसके लिए राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय द्वारा 3 अक्टूबर के दिन बामेती, पटना के सभागार प्रमाणित गेहूँ बीज उत्पादन महाभियान कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को बीज से लेकर बाजार तक की हर सुविधा उपलब्ध कराने हेतु पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बीज कृषि का मूल एवं महत्वपूर्ण घटक है। गुणवत्ता युक्त बीजों के उपयोग से फसलों की 20 प्रतिशत तक अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है। कृषि विभाग द्वारा राज्य के अंदर संकर बीज उत्पादन का कार्य इसी वर्ष शुरू किया जा रहा है, ताकि किसानों को राज्य के अंदर उत्पादित गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराया जा सके। इसी कड़ी में कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित गेहूं बीज उत्पादन राज्य में बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। रबी 2024-25 में राज्य में 3.50 लाख क्विंटल गेहूं प्रमाणित बीज उत्पादन के लिए 21 जिलों को चिन्हित कर कार्य योजना बनाई गई है।
किसानों को बीज उत्पादन से मिलेगा ज्यादा मूल्य
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में बीज उत्पादन बढ़ने से किसानों को दो तरफ का लाभ मिल सकेगा। पहले किसानों को अन्न उत्पादन से ज्यादा मूल्य बीज उत्पादन में प्राप्त होगा। दूसरा किसानों को राज्य के जलवायु परिवेश में उत्पादित प्रमाणित गेहूं बीज कम मूल्य पर प्राप्त हो सकेगा, जिससे किसानों के आर्थिक स्थिति को सुद्धढ करने में सहायता मिलेगी।
इसके लिए राज्य में प्रमाणित गेहूँ बीज को बढ़ावा देने हेतु किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान पर आधार बीज की उपलब्धता बिहार राज्य बीज निगम के माध्यम से सुनिश्चित किया गया है। किसानों द्वारा उत्पादित प्रमाणित गेहूँ बीज का बिहार राज्य बीज निगम द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य से 25 से 30 प्रतिशत अधिक मूल्य के साथ शत-प्रतिशत करी किया जाएगा। प्रमाणित गेहूं बीज उत्पादन से सम्बद्धत किसानों को बीज उत्पादन तकनीक का प्रशिक्षण, उत्पादन रक़बा का निबंधन एवं उत्पादित बीज का क्रय संबंधित सभी कार्यों के निष्पादन हेतु कृषि विभाग, बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी (बसोका) एवं बिहार राज्य निगम के पदाधिकारी/कर्मचारी का दायित्व निर्धारित किया गया है तथा इसका अनुश्रवण उच्च स्तर पर करने की व्यवस्था की गई है।
किसानों को मुफ्त में उपलब्ध कराये जाएँगे आधार बीज
राज्य में प्रमाणित बीज का उत्पादन करने के लिए किसानों को आधार बीज उपलब्ध कराये जाएँगे, इसकी व्यवस्था की जा रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में 8,750 क्विंटल गेहूँ का आधार बीज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तथा कृषि विश्वविद्यालय से मंगाया जा रहा है तथा 6,000 क्विंटल आधार बीज पूर्व से ही विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मंगाया जाता रहा है। इस प्रकार अब राज्य 14,750 क्विंटल गेंहू का आधार बीज उपलब्ध होगा, जिसे किसानों को मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रकार 3.5 लाख क्विंटल बीज उत्पादन हो जाएगा। जबकि राज्य में 12 लाख क्विंटल गेहूँ बीज की जरूरत है।
अगले कुछ वर्षों में बिहार बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जायेगा तथा दुसरे राज्यों को भी गेहूँ बीज उपलब्ध कराने में सक्षम हो जायेगा। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। गेहूं बीज के प्रसंस्करण एवं भंडारण की व्यवस्था कर ली गई है। उन्होंने आगे बताया कि ये आधार बीज अच्छी गुणवत्ता वाला है, इसलिए देखभाल उतनी ही आवश्यक है, इसके लिए तकनीकी सहायता मुहैया करायी जायेगी।
21 जिलों में होगा प्रमाणित बीज का उत्पादन
कृषि मंत्री ने कहा कि इस रबी सीजन में राज्य के 21 जिलों को प्रमाणित गेहूँ बीज हेतु चिन्हित किया गया है, जिसमें से 15 जिलों पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, गोपालगंज, सिवान, शेखपुरा, भोजपुर, अरवल, जमुई, बांका, मुंगेर, मधुबनी, सारण एवं सीतामढ़ी में गेहूं बीज उत्पादन कार्य सामान्य किसानों के माध्यम से एवं 6 जिलों दरभंगा, बक्सर, नवादा, जहानाबाद, पटना एवं लखीसराय कृषक उत्पादक संघ (एफ.पी.ओ.) के माध्यम से किया जायेगा। सभी चिन्हित जिलों में गेहूं आच्छादन लक्ष्य, आधार बीज की आवश्यकता एवं अनुमानित उपज का लक्ष्य का निर्धारण किया गया है। इन जिलों में गेहूँ बीज उत्पादन हेतु क्रियान्वयन एजेंसी सहायक निदेशक (शश्य), प्रक्षेत्र को एवं एफ.पी.ओ. संबंधित जिलों में क्रियान्वयन एजेंसी एफ.पी.ओ. को बनाया गया है।
किसानों को दी जाएगी तकनीकी जानकारी
बीज उत्पादक किसानों की तकनीकी जानकारी आदि कार्यों के निमित्त प्रखंड / पंचायत स्तर पर किसानों के उत्पादन क्षेत्र से कृषि समन्वयक तथा बी.टी.एम./एम.टी.एम. को संबंधित किया गया है। जिलों में किसानों द्वारा उत्पादित गेहूँ बीज के संग्रहण एवं प्रसंस्करण कार्य के लिए केन्द्रों को चिन्हित करते हुए जिलावार संबद्ध किया गया है।
इस अवसर पर कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि हर साल आधे बीज को बदल लेना चाहिए। राज्य के अंदर गुणवत्ता युक्त बीज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पहला वर्ष नि:शुल्क दिया जा रहा है। किसानों को बीज उत्पादन करने में सहयोग हेतु कृषि विश्वविद्यालय/कृषि महाविद्यालयों के वैज्ञानिकों को लगाया जायेगा। हम सब लोगों को मिलकर करना है और हमारा लक्ष्य और उद्देश्य ज्यादा- से-ज्यादा अच्छा बीज उत्पादित कर किसानों की आय बढ़ाना है।