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गुरूवार, जनवरी 16, 2025
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80 प्रतिशत की सब्सिडी पर 100 कस्टम हायरिंग केन्द्रों की शुरुआत

अनुदान पर कस्टम हायरिंग केंद्र

आजकल खेती-किसानी के कार्यों में कृषि यंत्र का महत्त्व लगातार बढ़ता जा रहा है परन्तु महंगे होने के चलते सभी किसान इन कृषि यंत्रों को खरीद नहीं सकते | अधिक से अधिक किसानों को कम दरों पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सरकार के द्वारा किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जाती है | इसके बाबजूद भी किसानों को कृषि यंत्र का लाभ नहीं मिल पा रहा है ऐसे में सरकार द्वारा कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना कर किसानों किराये पर कृषि यंत्र देने की योजना भी चलाई जा रही है | राजस्थान सरकार प्रदेश में इस वर्ष 80 प्रतिशत अनुदान पर 100 कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना कर रही है जिससे किसान कम दरों पर कृषि यंत्र आसानी से लेकर उनका उपयोग कर सकें |

100 सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग केंद्र की शुरुआत

कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य की 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेन्टर की शुरूआत से किसानों को अब सस्ती दर पर कृषि यंत्र ट्रैक्टर, हल, रोटावेटर, ट्रॉली, थ्रेसर, सहित अन्य उपकरण बाजार से सस्ती दरों पर किराए पर उपलब्ध होंगे। इससे गांव के किसानों को दर-दर नहीं भटकना होगा। श्री कटारिया गुरूवार को जयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के परिसर मंक चयनित 6 बनेठी, कलवाड़ा, सरनाचौड़, चिमनपुरा, कुजोता एवं मुरलीपुरा ग्राम सेवा सहकारी समितियों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

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किसान ट्रैक्टर सहित टिड्डी स्प्रे मशीन भी ले सकेगें किराये पर

वर्तमान तकनीक को ध्यान में रखकर सस्ती दरों पर जीएसएस को टे्रक्टर, हल, एवं रोटावेटर सहित अन्य यंत्र उपलब्ध कराए गए है। सरकार के इस प्रयास से किराए पर किसानों को कम दरों पर कृषि यंत्र स्थानीय स्तर पर मिल सकेंगे। इसके आलावा किसान अब कस्टम हायरिंग केंद्र से टिड्डी स्प्रे मशीन भी इन केन्द्रों से ले सकेंगे |

100 जीएसएस को कस्टम हायरिंग सेन्टर के लिए 8 करोड़ रुपए की सहायता

रजिस्ट्रार सहकारिता श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने कहा कि जीएसएस में कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित करने के नवाचार के तहत समितियों की स्थानीय जरूरत के अनुसार कृषि यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि 100 जीएसएस को कस्टम हायरिंग सेन्टर के लिए 8 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गई है। पहले प्राइवेट लोगों के पास कृषि यंत्र किराए पर उपलब्ध होते थे। अब समितियों के पास उपलब्ध होने से किसानों को सहुलियत होगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता एवं कृषि मंत्री की मंशा थी कि फसल चक्र से पूर्व कृषि यंत्र समितियों को उपलब्ध हो जाए ताकि किसानों को कम रेट पर यंत्र किराए पर कृषि कार्यो के लिए मिल सके।

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किस जिले में कितने कस्टम हायरिंग केंद्र

इस योजना के तहत राजसमन्द में 12, प्रतापगढ़ में 7, जयपुर में 6, श्री गंगानगर, बांसवाड़ा एवं बीकानेर में 5-5, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़, चूरू एवं दौसा में 4-4, कोटा, उदयपुर, भरतपुर, झालावाड़, बूंदी, चित्तौड़गढ़ एवं अलवर में 3-3 केन्द्र खोले जाएंगे। इसी प्रकार सीकर, नागौर, बाड़मेर, अजमेर, डूंगरपुर, झुंझुनूं, जोधपुर, पाली, जैसलमेर एवं टोंक में 2-2 तथा धौलपुर, सवाई माधोपुर एवं करौली में एक-एक कस्टम हायरिंग केन्द्र की शुरुआत की गई है ।

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