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बुधवार, अप्रैल 17, 2024
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गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालकों को दिए गए 10.70 करोड़ रुपए

पशुपालकों को गोबर खरीदी का भुगतान

पशुपालन को लाभकारी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में गोधन योजना चला रही है। योजना के तहत पशुपालकों से 2 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदा जाता है । जिसका भुगतान प्रत्येक 15 दिनों में गोबर बेचने वाले किसानों और पशुपालकों को किया जाता है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के पशुपालकों, गौठान समितियों तथा महिला समूहों को 15 दिन की राशि का भुगतान 5 मई के दिन किया गया।

राज्य के मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक से गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन जारी की। यह राशि 16 से 30 अप्रैल 2022 के दौरान की गई गोबर खरीदी की है। योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय के तहत क्रय किए गाय गोबर के एवज में 2.34 करोड़ रूपये भुगतान तथा गौठान समितियों को 5.04 करोड़ और महिला समूहों को 3.32 करोड़ रूपये का लाभांश दिया गया।

योजना के तहत अभी तक किया गया भुगतान

गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। गौठानों में 15 अप्रैल तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 136.22 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। आज गोबर विक्रेताओं को 2.34 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 138.56 करोड़ रूपए हो गया है।

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गौठान समितियों को भी अब तक 54.53 करोड़ रूपए तथा महिला स्व-सहायता समूहों 35.66 करोड़ रूपए राशि लाभांश का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गौठान समितियों को 5.04 करोड़ तथा स्व-सहायता समूह को 3.32 करोड़ रूपए के भुगतान किये। इसके बाद यह आंकड़ा बढ़कर क्रमशः 59.57 करोड़ एवं 38.98 करोड़ रूपए हो गया है।

महिला स्वसहायता समूहों को भी हो रहा है लाभ

गौठानों में महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय गोबर से बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है। महिला समूहों द्वारा 13 लाख 94 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 4 लाख 97 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 18 हजार 925 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर प्रदाय किया जा रहा है।

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महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं। महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 65 करोड़ 54 लाख रूपए की आय हो चुकी हैं। राज्य में गौठानों से 12,013 महिला स्व सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 82725 है।

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