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गुरूवार, सितम्बर 19, 2024
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किसानों हेतु कौशल विकास कार्यक्रम (किसानों की प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण)

किसानों हेतु कौशल विकास कार्यक्रम (किसानों की प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण)

  • कृषि एवं संबंद्ध क्षेत्रों में कुशल मानव श्रम का सृजन करने के लिए गरमी युवा और किसानों हेतु कौशल विकास प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
  • 200 घंटे से अधिक का पाठ्यक्रम जिससे पारिश्रमिक रोजगार तथा स्व-रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
  • भारतीय कृषि कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए योग्यता पैक (क्यूपि) को डीएसीएंडएफडब्ल्यू तथा आईसीएआर द्वारा अपनाया जा रहा है।
  • वर्ष 2017-18 में 200 घंटे की अवधि का कौशल विकास पाठ्यक्रम चयनित कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), राज्य कृषि विश्व विद्यालयों, आईसीएआर संस्थानों और   डीएसीएंडएफडब्ल्यू के राज्य स्तर के संस्थानों के माध्यम से संचालित किया जाएगा।
  • शिक्षित और प्रमाणित प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण।
  • भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई) द्वारा तृतीय पक्ष मूल्यांकन।
  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई)।

क.  सहायता की पद्धति

  • यह सभी पाठ्यक्रम ग्रामीण युवा और किसानों के लिए निशुल्क है।
  • अभ्यर्थियों का चयन  संबंधित  प्रशिक्षण संस्थानों (केवीके/कृषि विश्वविद्यालयों और आईसीएआर  संस्थानों तथा डीएसीएंड एफडब्ल्यू के अधीन संस्थानों) द्वारा किया जाता है
यह भी पढ़ें   गेहूं की फसल को गर्मी से बचाने के लिए किसान करें यह काम, वैज्ञानिकों ने जारी की सलाह

ख. किससे संपर्क करें ?

  • जिला स्तर  पर चयनित कृषि विज्ञान केन्द्रों के कार्यक्रम समन्वयक।
  • भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई)

यह भी पढ़ें: कृषि क्लीनिक और कृषि कारोबार केंद्र (एसीएबीसी)

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