back to top
गुरूवार, मार्च 28, 2024
होमविशेषज्ञ सलाहकपास की फसल में सफेद मक्खी से निपटने के लिए क्या करें...

कपास की फसल में सफेद मक्खी से निपटने के लिए क्या करें किसान भाई

कपास की फसल में सफेद मक्खी से निपटने के लिए क्या करें किसान भाई

केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केन्द्र सिरसा ने कपास की फसल में सफेद मक्खी की संख्या में बढ़ोतरी के मद्देनजर किसानों से अपील की है कि वे अपने खेत का लगातार निरीक्षण करते रहें। अनुसंधान संस्थान के एक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन सिरसा व अन्य विभागों द्वारा उत्तर भारत (पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान) में एक सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि यदि कपास की फसल में प्रति पत्ता सफेद मक्खी के व्यस्क 4-6 के आसपास या इससे अधिक दिखाई दें तो विभिन्न प्रकार के उपाय करके सफेद मक्खी का नियंत्रण किया जा सकता है

कपास की फसल में पहला छिडक़ाव नीम आधारित कीटनाशक जैसे निम्बीसीडीन 300 पीपीएम या अचूक 1500 पीपीएम की 1.0 लीटर मात्रा को 150-200 लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करें। इसके अतिरिक्त जिन किसानों ने अपनी कपास की फसल में नीम आधारित कीटनाशकों का प्रयोग कर लिया है तथा फिर भी खेत में सफेद मक्खी एवं हरे तेेले का प्रकोप दिखाई दे रहा है तो वे किसान अब फसल में 80 ग्राम प्रति एकड़ की दर से फ्लोनिकामिड उलाला नामक दवा का छिडक़ाव करके सफेद मक्खी पर नियंत्रण कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें   जुलाई महीने में मक्का की खेती करने वाले किसान करें यह काम, मिलेगी भरपूर पैदावार

 अधिक संख्या होने पर

सफेद मक्खी के बच्चों की संख्या प्रति पत्ता 8 से ज्यादा दिखाई दे तो स्पाइरोमेसिफेन (ओबेरोन) 200 मि.ली. या पायरीप्रोक्सीफेन (लेनो) नामक दवा की 400-500 मि.ली. मात्रा को प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करें। कपास की फसल में नीचे के पत्तों का चिपचिपा होकर काला होना खेत में सफेद मक्खी के बच्चों की संख्या ज्यादा होने को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि यदि खेतों में सफेद मक्खी के व्यस्क ज्यादा दिखाई दें तो किसान डाईफेन्थाईयूरान (पोलो) नामक दवा की 200 ग्राम मात्रा को प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करें।

पोलो दवा के प्रयोग से पहले व प्रयोग करने के बाद खेत में नमी की मात्रा भरपूर होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए किसान केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन या अपने निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

सावधानी 

किसान भाई विभाग या अन्य सरकारी संस्थान द्वारा सिफारिश की गई दवाओं को ही खरीदे और इन दवाओं को खरीदते वक्त विक्रेता से बिल जरूरी लें। उन्होंने कहा कि कपास की फसल में अपने आप से बदल-बदल कर दवाईयों का छिडक़ाव करना नुकसान देह हो सकता है। उन्होंने कहा कि किसान कपास की फसल पर प्रति एकड़ एक लीटर नीम के तेल को 200 लीटर पानी में मिलाकर इसका छिडक़ाव करे तो सफेद मक्खी के प्रकोप को समाप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, दो किलोग्राम यूरिया में आधा किलोग्राम जिंक (21 प्रतिशत) के साथ इसे 200 लीटर पानी में मिलाकर भी इस बीमारी से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है

यह भी पढ़ें   धान की खेती करने वाले किसान जुलाई महीने में करें यह काम, मिलेगी भरपूर पैदावार

सफेद मक्खी छोटा सा तेज उडऩे वाला पीले शरीर और सफेद पंख का कीड़ा है। छोटा एवं हल्के होने के कारण ये कीट हवा द्वारा एक दूसरे से स्थान तक आसानी से चले जाते हैं। इसके अंडाकार शिशु पतों की निचली सतह पर चिपके रहकर रस चूसते रहते हैं। भूरे रंग के शिशु अवस्था पूरी होने के बाद वहीं पर यह प्यूपा में बदल जाते हैं। ग्रसित पौधे पीले व तैलीय दिखाई देते हैं। जिन काली फंफूदी लग जाती है। यह कीड़े न कवेल रस चूसकर फसल को नुकसान करते हैं।

11 टिप्पणी

  1. नरमा कपास में सफेद मक्खी नियंत्रण
    के लिए पानी में घुलने वाला
    “नीम तेल घुलनशील”
    एक लीटर को 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें !!
    शुद्ध नीम खली 10%तेल वाली
    और घुलनशील नीम तेल प्राप्त करने के लिए सम्पर्क करें –
    ग्यारसीलाल बगड़िया
    अखाद्य तेल साबुन उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड, चूरू, राजस्थान
    9461109925
    9414437389

  2. आप ने बाजार में उपलब्ध सभी मुख्य कीटनाशको की सिफारिश करदी लेकिन किस अवस्था में कोनसी दवाई कारगर है ये नही बताया।नहीं यह बताया गया कि सफेद मखी के अंडे पर कोनसी कीटनाशक ज्यादा प्रभावी है बच्चे पर कोनसी,व्यस्क पर कोनसी कीटनाषक ज्यादा प्रभावी है।ताकि किसान इन सभी कीटनाशको में से एक का चुनाव कर सके।

  3. आप ने बाजार में उपलब्ध सभी मुख्य कीटनाशको की सिफारिश करदी लेकिन किस अवस्था में कोनसी दवाई कारगर है ये नही बताया।नहीं यह बताया गया कि सफेद मखी के अंडे पर कोनसी कीटनाशक ज्यादा प्रभावी है बच्चे पर कोनसी,व्यस्क पर कोनसी कीटनाषक ज्यादा प्रभावी है।ताकि किसान इन सभी कीटनाशको में से एक का चुनाव कर सके।

  4. आप ने बाजार में उपलब्ध सभी मुख्य कीटनाशको की सिफारिश करदी लेकिन किस अवस्था में कोनसी दवाई कारगर है ये नही बताया।नहीं यह बताया गया कि सफेद मखी के अंडे पर कोनसी कीटनाशक ज्यादा प्रभावी है बच्चे पर कोनसी,व्यस्क पर कोनसी कीटनाषक ज्यादा प्रभावी है।ताकि किसान इन सभी कीटनाशको में से एक का चुनाव कर सके।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

ताजा खबरें

डाउनलोड एप