Home विशेषज्ञ सलाह सिंचाई समस्या का निवारण इस विधि से करें

सिंचाई समस्या का निवारण इस विधि से करें

सिंचाई समस्या का निवारण इस विधि से करें

आज कृषि में सबसे बड़ा समस्या सिंचाई का है जिस के कारण कृषि में एक बहु ही बड़ी समस्या उभर कर आई है | इस समस्या को ख़त्म तो नहीं किया जा सकता है लेकिन बहुत हद तक कम किया जा सकता है | आज कुच्छ एसी वैज्ञानिक विधि आप को बता रारहा हूँ जिसे अपनाकर किसान सिंचाई के समस्या से आगे निकल सकता है |

  1. ड्रिप सिंचाई पद्धति :- यह विधि फल और सब्जी के पौधों में अपनाया जाता है , इस विधि से पौधों की सिंचाई उसके जरुरत के अनुसार होता है पानी पौधों के जड़ पर ही गिरता है , पानी की बर्बादी नहीं होता है , इस विधि से समय तथा जल दोनों की बचत होता है | एक अनुमान के अनुसार इस विधि से 60 % पानी का नुकसान से बचाया जाता है | इस विधि के द्वारा उर्वरक भी पौधों में दाना जाता है | जिससे उर्वरक की 50% की बचत होती है |

नोट:-  इस पर अलग – अलग राज्य सरकार  40 से 60 प्रतिशत का सब्सिडी देता है |

  1. स्प्रिंकलर सिंचाई :- यह विधि फसल (गेंहू, चना, सरसों, सोयाबीन, मूंगफली इत्यादि) में अपनाया जाता है इस विधि से खेत की सिंचाई अपने जरुरत के अनुसार करते हैं | इस विधि में एक प्लास्टिक पम्प को मोटर पम्प से जोर रार्हता है तथा दूसरा सिरा बहुत सरे स्प्रिंकल से जोड़ा रहता है जिससे एक ही समय में ज्यादा फसल की सिंचाई होता है | इस विधि से खेत में पानी जमा नहीं होता है |

नोट:-  इस पर अलग – अलग राज्य सरकार  40 से 60 प्रतिशत का सब्सिडी देता है |

इस वैज्ञानिक वुधि से सिंचाई करने से फसल उत्पादन में 40%की वृद्धि होती है , क्यों की फसल कप पानी उतनाही मिलता है जितना उसको जरुरत होता है | खेत में पानी जमा होने से फसल को नुकसान भी होता है |लेकिन इस विधि में येसा नहीं होता है |

इसी कारण अलग – अलग राज्य सरकार इसे बढवा दे रही है | केंद्र ने भी इस योजना को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रारंभ किया | जिससे पानी संकट से बचा जा सके |

 

नोट:- अत: किसान से अनुरोध है की इस विधि को अपनाये तथा केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के  द्वारा चलाये जा रहे योजना का लाभ आवश्य लें |

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