लहसुन की फसल में रोग और कीट पर नियंत्रण इस प्रकार पायें

लहसुन की फसल में रोग और कीट पर नियंत्रण इस प्रकार पायें

किसान भाई लहसुन की फसल की बुआई लगभग हो चुकी है , अब लहसुन में कंद पकरना शुरू हो गया होगा | लेकिन अभी आप को उस फसल पर नजर बनाए रखना होगा , जिससे फसल रोग और कीट से बच सके | किसान समाधान आप लोगों के लिए लहसुन में होने वाले रोग और कीट के नियंत्रण के लिए जानकारी लेकर आया है |

  1. अगर लहसुन के फसल में छोटे और पीले रंग के कीट होते हैं जो पत्तियों का रस चूसते हैं | जिससे पत्तियां चितकबरी दिखाई देने लगती हैं | इनके प्रकोप से पत्तियों के शीर्ष भूरे हो जाते हैं एवं पत्तियां मुरझाकर सूख जाती है , तो इस तरह के कीट के नियंत्रण के लिए इमिडाकलोप्रिड 5 मि.ली. / 15 ली. पानी अथवा थायोमेथाक्जाम 125 ग्राम /है. + सेंडोविट 1 ग्राम / लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिन के अंतरला पर छिडकाव करें |
  2. अगर लहसुन के पत्तियों के ऊपरी भाग पर हल्के नारंगी रंग के धब्बे बनते हैं तो मैंकोजैब 2.5 ग्राम / लीटर पानी या काबैंडाजिम 1 ग्राम / लीटर पानी में घोलकर 15 दिन के अंतराल पर दो बार छिडकाव करें | कापर आकसीक्लोराईड 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में अथवा सेंडोविट 1 ग्राम / लीटर पानी की डॉ से कवनाशी दवा का 15 दिन के अंतराल पर दो बार छिड़काव करें |
  3. लहसुन के पौधों के पत्तियों को खाते हुए शल्ककंद के अन्दर प्रवेश कर सदन पैदा करती है तथा फसल नुकसान पहुँचती हैं | तो फोरेट 1 – 1.5 कि.ग्रा. सक्रिय तत्व प्रति हैक्टेयर की दर से खेत में छिड़काव कर मिलावें | इमिडाक्लोप्रिड 5 मि.ली. / पानी अथवा थायोमेथाक्जाम 125 ग्राम /है. + सेंडोविट 1 ग्राम / लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिन के अंतरला पर छिडकाव |
  4. बैंगनी धब्बा रोग (पर्पल बलच) इस रोग के प्रभाव से प्रारंभ में पत्तियों तथा तने के ऊपरी भाग पर सफ़ेद एवं अंदर की तरफ धंसे हुए धब्बे बनते है, जिससे तना एवं पत्ती कमजोर होकर गिर जाती है | फ़रवरी एवं अप्रैल माह में इसका प्रकोप ज्यादा होता है | मैंकोजैब 2.5 ग्राम / लीटर पानी या काबैंडाजिम 1 ग्राम / लीटर पानी में घोलकर 15 दिन के अंतराल पर दो बार छिडकाव करें | रोग रोधी किस्में जैसे जी – 50 , जी -1 अथवा जी 323 लगावें |
  5. जिस समय पौशों की पत्तियां पिली पड जायें और सूखने लग जायें , सिंचाई बन्द कर दें | इसके बाद गांठों को 3 – 4 दिनों तक छाया में सुखायें | फिर 2 से 2.25 से.मी. छोड़कर पत्तियों को कन्दों से अलग कर लें | कन्दों को साधारण भंडारण में पतली पर्त में रखें | ध्यान रखें की फर्श पर नमी न हों |

यह भी पढ़ें: रबी लहसुन के रोपण हेतु खेत की तैयारी से पुर्व जरुर जानें यह खास बातें

यह भी पढ़ें: खेती में घटा हो रहा है तो इसे अपनाकर मुनाफा कमायें

सम्बंधित लेख

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Stay Connected

217,837FansLike
500FollowersFollow
866FollowersFollow
54,100SubscribersSubscribe

Latest Articles

ऐप इंस्टाल करें