back to top
28.6 C
Bhopal
रविवार, जनवरी 26, 2025
होमकिसान समाचारमध्यप्रदेश में किसानों के लिये भावान्तर भुगतान योजना लागू करने का...

मध्यप्रदेश में किसानों के लिये भावान्तर भुगतान योजना लागू करने का निर्णय

मध्यप्रदेश में किसानों के लिये भावान्तर भुगतान योजना लागू करने का निर्णय

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में किसानों के हित संरक्षण के लिये भावान्तर भुगतान योजना लागू करने का निर्णय लिया गया। यह योजना किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिये पायलेट आधार पर खरीफ 2017 के लिये लागू की गई है। इस निर्णय के अंतर्गत प्रदेश में किसान द्वारा अधिसूचित कृषि उपज मण्डी समिति प्रांगण में फसल विक्रय करने पर राज्य शासन द्वारा निहित प्रक्रिया अनुरूप घोषित मॉडल विक्रय कर एवं भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का किसानों को भुगतान किया जायेगा। भावान्तर भुगतान योजना में खरीफ 2017 की सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द और तुअर की फसलें ली गई हैं। योजना में किसानों को एक से 30 सितंबर 2017 तक पोर्टल पर अपना पंजीयन कराना होगा।

किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाने की महत्वाकांक्षी योजना

प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिये राज्य सरकार द्वारा भावान्तर भुगतान योजना लागू की जा रही है। योजना का उद्देश्य किसानों को कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित करना तथा मण्डी दरों में गिरावट से किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करना है। इस योजना में किसान द्वारा प्रदेश में अधिसूचित कृषि उपज मण्डी प्रांगण में चिन्हित फसल उपज बेचने पर राज्य सरकार द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर और केन्द्र द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि किसानों को भुगतान की जायेगी।

किसानों का पंजीयन एक से 30 सितम्बर तक

भावान्तर भुगतान योजना खरीफ 2017 के लिये पायलट योजना के रूप में लागू की जा रही है। योजना में सोयाबीन, मूँगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूँग, उड़द और तुअर की फसलें ली गई हैं। इसके लिये किसानों का पंजीयन एक सितम्बर 2017 से 30 सितम्बर 2017 तक भावान्तर भुगतान योजना पोर्टल पर किया जायेगा। पंजीयन के समय आधार कार्ड नम्बर, बैंक खाते की जानकारी और मोबाईल नम्बर देना होगा। पंजीयन के बाद किसान को यूनिक आईडी नम्बर प्रदान किया जायेगा। योजना के अंतर्गत सोयाबीन, मूँगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूँग और उड़द के लिये विक्रय की अवधि 16 अक्टूबर 2017 से 15 दिसम्बर 2017 तक रहेगी। तुअर के लिये विक्रय की अवधि 1 फरवरी 2018 से 30 अप्रैल 2018 तक रहेगी।

यह भी पढ़ें:  किसान अधिक उत्पादन के लिए इस तरह करें धान की नर्सरी तैयार

मॉडल विक्रय दर मध्यप्रदेश और दो अन्य राज्यों की मॉडल दर का औसत

मॉडल विक्रय दर की गणना मध्यप्रदेश तथा दो अन्य राज्यों की मॉडल दर का औसत रहेगा। सोयाबीन के लिये दो अन्य राज्य महाराष्ट्र और राजस्थान, मूँगफली के लिये गुजरात और राजस्थान, तिल के लिये उड़ीसा और छत्तीसगढ़, रामतिल के लिये पश्चिम बंगाल और राजस्थान, मक्का के लिये कर्नाटक और महाराष्ट्र, मूँग के लिये राजस्थान और महाराष्ट्र, उड़द के लिये राजस्थान और उत्तरप्रदेश तथा तुअर के लिये महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों की मॉडल विक्रय दर ली जायेगी।

योजना का लाभ पंजीकृत किसानों को मध्यप्रदेश में उत्पादित कृषि उत्पाद का विक्रय अधिसूचित मण्डी परिसर में करने पर ही मिलेगा। योजना का लाभ जिले में विगत वर्षों की फसल कटाई प्रयोगों पर आधारित औसत उत्पादकता के आधार पर उत्पादन के सीमा तक दिया जायेगा। योजना में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ और मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा पात्र किसानों को भुगतान किया जायेगा।

मॉडल विक्रय दर की गणना

योजना में किसानों को देय राशि की गणना का प्रावधान किया गया है। इसके अनुसार यदि किसान द्वारा मण्डी समिति परिसर में बेची गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम परंतु राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर से अधिक हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अंतर की राशि किसान के खाते में अंतरित की जायेगी। इसी तरह यदि किसान द्वारा मण्डी समिति परिसर में विक्रय की गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर से कम हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा मॉडल विक्रय दर की अंतर की राशि किसान के खाते में अंतरित की जायेगी।

यह भी पढ़ें:  सरकार ने प्याज के निर्यात को दी मंजूरी, किसानों को अब प्याज की मिलेगी अच्छी कीमत

लाइसेंसी गोदाम में उपज रखने पर अनुदान

योजना में पंजीकृत किसानों को उपयुक्त बाजार भाव पर उनकी उपज के विक्रय अवसर प्रदान करने और उचित समय पर फसल बेचने को प्रोत्साहित करने के लिये लाइसेंसी प्राप्त गोदाम में कृषि उपज रखने के लिये किसान को अनुदान दिया जायेगा। राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि भावान्तर भुगतान योजना में निर्धारित विक्रय अवधि के बाद तुअर के लिये एक मई से 30 अगस्त 2018 तक तथा सोयाबीन, मूँगफली, रामतिल, मक्का, मूँग और उड़द के लिये एक जनवरी से 30 अप्रैल 2018 तक अनुज्ञप्तिधारी गोदाम में कृषि उत्पाद रखे जाने पर गोदाम किराया किसानों को दिया जायेगा। योजना के क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग के लिये राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तथा जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की जायेगी।

मण्डी में विक्रय के बाद जारी किये जाने वाले अनुबंध पर्ची, तौल पर्ची और भुगतान पत्रक पर किसान का पंजीयन क्रमांक इंद्राज किया जायेगा। प्राप्त जानकारी भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर मण्डी समिति द्वारा दर्ज की जायेगी। सौदा पत्रक के माध्यम से क्रय-विक्रय किये गये कृषि उत्पाद योजना में पात्र नहीं होंगे।

download app button
whatsapp channel follow

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News