न्यूनतम समर्थन मूल्य रबी वर्ष 2016-17
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2016-17 के लिये रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा गत 15 नवम्बर 2016 को कर दी है। इस वर्ष दलहन व तिलहन फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए इन फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्यों के ऊपर बोनस देने की घोषणा भी की है। न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों पर आधारित रहता है जो फसल उत्पादन की लागत, कुल मांग आपूर्ति, घरेलू व अन्तर्राष्ट्रीय कीमतों, अंतर-फसल कीमत क्षमता पर आधारित रहता है।
2016-17 के लिये रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य
इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 1625 रु. प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है जो पिछले वर्ष की तुलना में मात्र 100 रु. प्रति क्विंटल अधिक है। इसमें पिछले वर्ष की तुलना में मात्र 6.6 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है जो लगभग इसकी लागत में आई वृद्धि के ही बराबर होगी। चने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इस वर्ष 4000 रु. प्रति क्विंटल रखा गया है जिसमें 200 रु. बोनस की राशि भी सम्मिलित है।
इसमें पिछले वर्ष की तुलना में बोनस सहित 500 रु. प्रति क्विंटल की वृद्धि की गयी है जो पिछले वर्ष से लगभग 14.3 प्रतिशत अधिक है। वर्तमान बाजार में उपभोक्ता को चना घोषित किये गये मूल्यों से दुगने-तिगुने मूल्यों में मिल रहा है। बड़ी हुई कीमत का एक बड़ा भाग तो किसान की बीज की बड़ी लागत में ही चला जायेगा।
रबी फसलों के न्यूनमत समर्थन मूल्यों में सबसे अधिक वृद्धि मसूर की कीमतों में की गयी है जो पिछले वर्ष की तुलना में 16.2 प्रतिशत है। मसूर में 150 रु. बोनस सहित 550 रु. प्रति क्विंटल की वृद्धि की गयी है, और इस वर्ष इसका मूल्य 3950 रु. प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
रबी तिलहनी फसलों सरसों तथा कुसुम के समर्थन मूल्यों में क्रमश: 10.4 तथा 12.1 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। सरसों का समर्थन मूल्य जहां पिछले वर्ष 2250 रु. था वहीं इस वर्ष इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 100 रु. बोनस सहित 3700 रु. प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इस प्रकार कुसुम का समर्थन मूल्य 3700 रु. निर्धारित किया गया है जो पिछले वर्ष 3300 रु. प्रति क्विंटल से 100 रु. बोनस सहित 3700 रु. प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।