back to top
28.6 C
Bhopal
बुधवार, फ़रवरी 12, 2025
होमपशुपालन और मछली पालननाबार्ड द्वारा चलाई जा रही डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस )

नाबार्ड द्वारा चलाई जा रही डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस )

नाबार्ड द्वारा चलाई जा रही डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस ) 

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग (डीएएचडी ऐंड  एफ), भारत सरकार, ने वर्ष 2005-06 के दौरान “डेयरी और पोल्ट्री के लिए वेंचर कैपिटल योजना” शीर्षक से एक पायलट योजना का शुभारंभ किया है . इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे डेयरी फार्मों की स्थापना और अन्य घटकों हेतु  सहायता प्रदान कर डेयरी क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाना था |

इस योजना के मध्यावधि मूल्यांकन के दौरान, योजना के कार्यान्वयन की गति में तेजी लाने हेतु  कुछ सिफ़ारिशें की गयी थीं .  मूल्यांकन अध्ययन की सिफारिशों और किसानों, राज्य सरकारों तथा  बैंकों सहित विभिन्न क्षेत्रों  से प्राप्त अभ्यावेदनों पर विचार करते हुए डीएएचडी ऐंड एफ ने इसका नाम डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) करने सहित कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन करने का फैसला किया है.

संशोधित योजना दिनांक 01 सितंबर 2010 से लागू हो गया है.

योजना का उद्देश्य

  • स्वच्छ दूध  उत्पादन के लिए आधुनिक डेयरी फार्मों की स्थापना को बढ़ावा देना
  • बछिया बछड़ा पालन को प्रोत्साहित करना जिससे अच्छे प्रजनन स्टॉक का  संरक्षण किया जा सके
  • असंगठित क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाना, जिससे  कि दूध का  प्रारंभिक प्रसंस्करण गांव स्तर पर ही किया जा सके
  • व्यावसायिक पैमाने पर दूध संरक्षण के लिए गुणवत्ता और पारंपरिक प्रौद्योगिकी का उन्नयन
  • मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के लिए स्व-रोजगार पैदा करना तथा बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना
यह भी पढ़ें:  गर्मी में पशुओं को लू से बचाने के लिए इस तरह करें देखभाल

योजना का लाभ किसको मिल सकता है  ? 

  • किसान, व्यक्तिगत उद्यमी,  गैर सरकारी संगठन , कंपनियां , असंगठित और संगठित क्षेत्र के समूह इत्यादि . संगठित क्षेत्र के समूह में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), डेयरी सहकारी समितियां , दूध संगठन , दूध महासंघ आदि शामिल हैं .
  • एक व्यक्ति इस योजना के तहत सभी घटकों के लिए सहायता ले सकता है लेकिन प्रत्येक घटक के लिए केवल एक बार ही पात्र होगा
  • योजना के तहत एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्य को सहायता प्रदान की जा सकती है, बशर्ते कि इस योजना के अंतर्गत  वे अलग-अलग स्थानों पर अलग बुनियादी सुविधाओं के साथ अलग इकाइयां स्थापित करें . इस तरह की दो परियोजनाओं की चहार दीवारी के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए.
  • अधिक जानकरी के लिए आप नजदीकी राष्ट्रीकृत बैंक, सहकारी बैंक, कोआपरेटिव बैंक या ग्रामीण बैंक में संपर्क करें I आप नाबार्ड में जाकर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं I

यह भी पढ़ें: 

डेयरी विकास हेतु नाबार्ड द्वारा दी जाने वाली सहायता

योजना या बैंक ऋण हेतु प्रोजेक्ट रिपोर्ट

डेयरी  प्रोजेक्ट रिपोर्ट -पांच दुधारू पशु (गाय/ भैंस) हेतु

यदि पशुपालन या बागवानी के लिए बैंक से ऋण चाहिए तो क्या करें?

यह भी पढ़ें:  गर्मी में पशुओं को लू से बचाने के लिए करें यह काम, नहीं आएगी दूध उत्पादन में कमी
download app button
whatsapp channel follow

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News