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धान की फसल में एकीकृत कीट प्रबन्ध

धान की फसल में एकीकृत कीट प्रबन्ध

  1. जल निकास का समुचित प्रबन्ध | खेत में पानी भरे रहने से गों गिडार, हिस्पा एवं फुदका कीट आदि का प्रकोप बढ़ सकता है|
  2. नत्रजन वाले उर्वरकों को आवश्यकता से अधिक न इस्तेमाल किया जाय | साधारणटीया अधिक नत्रजन से कीटों की वृद्धि तेजी से होती है|
  3. रोपाई के पहले पौध की चोटी काट दी जाय | इससे तना बेधक एवं हिस्पा आदि का प्रकोप कम होगा|
  4. यदि 10 हरे फुदके प्रति हिल एवं / या 8 – 10 भूरे फुदके प्रति हिल दिखाई पड़े तो निम्न में से किसी कीटनाशी का प्रयोग किया जाय किन्तु ध्यान रखें की छिडकाव तनों की ओर केन्द्रित रहे :

कीटनाशी

  • क्यूनालफास 25 ई.सी. 1.5 ली./हे. |
  • थयोमिडान 25 ई.सी. 1.25 ली./हे. |
  • कार्बोफ्यूरान 3 प्रतिशत 20 कि.ग्रा. प्रति हे.
  • फोरेट 10 जी 10 कि.ग्रा.प्रति हे. |
  • डाईक्लोरोवास 76 ई.सी.500 मि.ली. |
  1. यदि गोभी गिडार (व्हर्स मैगेट) से 20 प्रतिशत या एक पट्टी हिल ग्रसित हो तो क्यूनालफास 25 ई.सी. 1.5 ली./हे. कीटनाशी का छिडकाव करें |
  2. वैसे तो हिस्पा प्रति वर्ष पाबन्दी से नहीं आता फिर भी यदि दो हिस्पा प्रौढ़ कीट या एक ग्रसित पत्तियां प्रति हिल दिखाई पड़े तो निम्न में से किसी एक का छिड़काव करें :-
  • इंडोस्लफास 35 ई.सी. 1 ली./हे.|
  • क्यूनालफास 25 ई.सी. 125 ली./हे.|
  1. फूल आने के बाद यदि औसतन हर हिल या दो तिन कीट प्रति हिल नजर आये तो निम्न कीटनाशी में से किसी एक का प्रयोग किया जाय :-
  • मिथाइल पैराथियान 2 प्रतिशत धूल 20 किलोग्राम / हे.|
  • मैलाथियान 5 प्रतिशत धूल 20 किलोग्राम / हे.|
  1. भूरे फुदके की संख्या यदि 10 प्रति हिल पाई जाय, तो हरे फुदके के लिय सस्तुत रसायन प्रयोग करें अथवा इसके लिये परजीवी मिरिड बग को खेतों में छोड़कर जैविक नियन्त्रण किया जाये |
  2. तना छेदक कीट के प्रकोप से बने 5 प्रतिशत मृतयोन अथवा एक अंड समूह या एक प्रौढ़ कीट प्रति वर्ग मीटर पाया जाय तो संस्तुत रसायनों का छिड़काव किया जाय या ट्राइकोग्राम के 2.5 कार्ड प्रयोग किये जाये |
  3. खेत को खरपतवारों से मुक्त रखा जाये तो कीड़ों को पनपने और बढ़ने का अवसर कम मिलेगा |
  4. बाली बन जाने पर यदि बाल काटने वाले कीट का औसतन धान में एक गिडार मिले तो निम्न कीटनाशियों में से किसी एक का सायंकाल प्रयोग किया जाये :-
  • कलोरपाइरीफास 20 ई.सी. का 1.5 ली./हे.|
  • क्यूनालफास 20 ई.सी. का 1.5 ली./हे.|
  • इंडोस्लफास 35 ई.सी. 1.25 ली./हे.|
  • मिथाइल पैराथियान 2 प्रतिशत धूल 25 कि. / हे.|
  • डाईक्लोरोवास 76 ई.सी.मि.ली./हे. , (छिड़काव दोपहर के बाद करें)|
  • फैनथोएट 2 प्रतिशत धूल 25 कि./हे.|
  • ट्राइकोग्राम परजीवी 50000 – 100000 प्यूपा / हे. की दर से रोपाई के 30 दिनों बाद छोड़े |
  1. धान की कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई की जाये,अवशेषों को नष्ट कर दिया जाये ताकि उनमे उपस्थित कीटों की विभिन्न अवस्थायें नष्ट हो जायें और आने वाले मौसम में उनकी बढ़ोतरी रोकी जा सके|

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