डेयरी योजना से इस किसान की आय हुई 6 लाख रुपये सालाना
किसानों ने खेती के साथ-साथ पशुपालन व्यवसाय को आय में वृद्धि का सशक्त जरिया बना लिया है। इससे उनके जीवन-स्तर में भी सुधार हो रहा है। झाबुआ जिले के रामा ब्लॉक के ग्राम बलोलाबडी के किसान बाल सिंह सुमेर सिंह मसानिया को आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन डेयरी योजना ने सामान्य किसान से लखपति किसान बना दिया है।
बाल सिंह एक सामान्य किसान की तरह अपने खेत में सिर्फ फसल उत्पादन करते थे। फसल उत्पादन से होने वाली आमदनी से जैसे-तैसे जीवन-यापन हो रहा था। फिर उन्हें पशु चिकित्सा विभाग द्वारा संचालित आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन डेयरी योजना के बारे में पता चला। संगोष्ठी में वैज्ञानिकों की परिचर्चा में भाग लेने पर इन्हें पता चला कि फसल उत्पादन के साथ पशुपालन व्यवसाय आसानी से किया जा सकता है। बाल सिंह ने पशु चिकित्सा विभाग में सम्पर्क किया, योजना में मदद के लिये आवेदन किया।
पशुपालन के लिए आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन डेयरी योजना में लाल सिंह को 6.40 लाख रुपये ऋण स्वीकृत हुआ और 2 लाख रुपये अनुदान मिला। इससे उन्होंने गुजरात के कच्छ एवं भुज क्षेत्र से 10 दुधारु मुर्रा भैंसें खरीदी और खेत में भैंसों को खिलाने के लिए हरा चारा उत्पादन शुरू किया। साथ ही फसल से निकलने वाले भूसे एवं अन्य फसल अपशिष्टों का भी भैंसों के आहर के रूप में उपयोग किया।
बाल सिंह को अब भैंसों से 80 लीटर दुग्ध प्रति दिन मिल रहा है। इस दूध को सरकारी दुग्ध संघ में बेचने पर इन्हें प्रति दिन चार हजार रुपये प्राप्त होते हैं। पशुपालन से प्रति माह 60 हजार रुपये का लाभ प्राप्त कर रहे हैं बाल सिंह और 15 हजार रुपये प्रति माह बैंक ऋण की किश्त भी जमा करवा रहे हैं। बाल सिंह सुमेर सिंह मसानिया की आय अब 10 हजार रुपये प्रति माह से बढ़कर 60 हजार रुपये प्रति माह हो गई है। इस वर्ष बाल सिंह को औसतन 6 लाख का शुद्ध लाभ हुआ।